बरहट -प्रखंड अंतर्गत तमकुलिया गांव में गुरुवार को आदिवासी सेंगेल अभियान के जिला अध्यक्ष सुषमा चोंड़े की अध्यक्षता में जागरूकता बैठक आयोजित की गई। जिसमें कि बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोगों ने भाग लिया। बैठक में आदिवासी सेंगेल अभियान बिहार प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ टुडू ने कहा कि बिहार सरकार की तरफ से जातिगत आधारित जनगणना को आदिवासी समाज की ओर से समर्थन और स्वागत करते हैं। लेकिन संथाल आदिवासियों की मांग सरना धर्म को लेकर आंदोलन और संघर्ष जारी है। सेंगेल अभियान ने बिहार सरकार को बीते महीना 6 मार्च को पत्र भेजकर संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संथाल आदिवासियों को सरना धर्म कोड की अविलंब मान्यता प्रदान करते हुए जनगणना 2021 की फॉर्मेट में अलग कॉलम कोड प्रदान करने का अनुरोध किया है। अभी वर्तमान में चल रही जाति आधारित जनगणना में जाति के लिए संथाल, जाति कोड के लिए 199 दर्ज है। लेकिन जो संथाल आदिवासी हिंदू , मुस्लिम, सिख ईसाई , बौध , जैन नहीं है।क्योंकि आदिवासियों की प्रकृति पूजक पूजा पद्धति सोच संस्कार शादी विवाह पर्व त्यौहार बिल्कुल अलग और भिन्न है।अपना धर्म कॉलम कोड में अन्य धर्म के सामने जो धर्म कोड 07 है । उसी जनगणना फॉर्मेट में अपना अन्य धर्म कोड 07 दर्ज कराऐं ।तथा जो पदाधिकारी गण जाति आधारित जनगणना फॉर्मेट भर रहे हैं। उनसे भी निवेदन है कि संथाल आदिवासियों को अन्य धर्म 07 में ही फॉर्मेट भरे। जनगणना पदाधिकारी गण अपना रजिस्टर में अलग अन्य धर्म कोड नंबर 07 लिखकर ओबलिक में सरना धर्म लिखने की अपील की। ताकि पता चल सके कि अन्य धर्म दिखने वाले संथाल सरना धर्म मानने वाले लोग हैं। आदिवासियों के प्रकृति पूजक सरना धर्म कोड की मान्यता अविलंब देने की मांग किया है।बैठक में मनोज कुमार टुडू ,चुन्नू मरांडी,चंदन चोंड़े सविता हेम्ब्रम, पप्पू सोरेन ,श्याम लाल सोरेन,पूनम बेसरा ,सुभाष चौड़े आदि मौजूद थे। बरहट से शशिलाल की रिपोर्ट।