दुनिया की विभिन्न देशों की कम्पनियों की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर इस बिहारी कम्पनी का किया गया है चयन
पटना, भारत को आत्मनिर्भर बनाने के क्षेत्र में काम कर रही देश की 15 श्रेष्ठ कंपनियों की सूची में सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज (एसआईएस) ने अपनी बड़ी पहचान बना ली है. दुनिया के विभिन्न देशों में कारोबार करने और अपने कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करने वाली कंपनियों में सर्वे करने वाली ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट ने निजी सेक्टर में काम करने वाली देश की सबसे बड़ी सुरक्षा कंपनी एसआईएस को भारत की श्रेष्ठ 15 नेशन बिल्डर कंपनी के सूची में शामिल कर सम्मानित किया है. साथ ही इस कंपनी को देश की 31वीं श्रेष्ठ रोजगार प्रदाता कम्पनी के सर्टिफिकेट से भी नवाजा है. बता दें कि यह बिहार की इकलौती मल्टीनैशनल कंपनी है, जिसका कारोबार देश के सभी राज्यों से लेकर ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर तक में फैला है.
उल्लेखनीय है कि ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट एक ऐसा संगठन है जो दुनिया के विभिन्न देशों में काम करने वाली कम्पनियों का सर्वे करके यह तय करती है कि किस कम्पनी का कारोबार कैसा है और वह अपने कर्मचारियों को किस तरह की सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं. एसआईएस को बिहार की उस पहली कम्पनी होने का भी गौरव प्राप्त है, जिसका शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर चलता है.इसका रेजिस्टर्ड ऑफ़िस आज भी बिहार की राजधानी पटना में ही है. एसआईएस में फिलहाल कुल कर्मचारीयों की संख्या दो लाख से भी अधिक है.जबकि इस कम्पनी में केवल बिहार के ही 32,000 से भी अधिक बिहारी युवा स्थाई रोज़गार पा रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के सपने को साकार कर रहा एसआईएस
प्रोविडेंट फंड रिकॉर्ड के आधार पर एसआईएस बिहार की सबसे बड़ी और निजी क्षेत्र की रोजगार प्रदाता कम्पनी है. इस कंपनी की स्थापना भाजपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे पूर्व राज्यसभा सांसद रविन्द्र किशोर सिन्हा ने 70 के दशक में की थी. जबकि पिछले 20 साल से इस कम्पनी का नेतृत्व उनके पुत्र ऋतुराज सिन्हा कर रहे हैं. कम्पनी के प्रबंध निदेशक ऋतुराज सिन्हा ने बताया कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के थमने और लॉकडाउन की समाप्ति के बाद एसआईएस प्रबंधन ने बिहार में नयी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया है, ताकि गृहप्रदेश बिहार के युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता दी जा सके. श्री सिन्हा ने बताया कि एक तरफ जहां कोरोना महामारी के बीच लोगों का रोजगार छीना जा रहा है, वहीं एसआईएस ने अपने एक भी कर्मचारी को नहीं हटाया हैं.एसआईएस ने निकट भविष्य में बिहार के युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार देने की प्राथमिकता तय की है.
अभिषेक कुमार सिन्हा की रिपोर्ट