जमुई तीनों कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली में 65 दिनों से चल रहे अनिश्चितकालीन आंदोलन के समर्थन में जमुई कचहरी चौक पर महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर भाकपा माले नेता शंभू शरण सिंह,आइसा प्रदेश उपाध्यक्ष बाबू साहब किसान मजदूर नेता बासुदेव राय ,सीपीआई के जिला सचिव नवल किशोर सिंह, गजाधर रजक, सीपीएम के रामलखन सिंह, नरेश यादव आरजेडी के पूर्व विधायक विजय प्रकाश, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हरेंद्र सिंह, प्रवीण पांडे, सुभाष सिंह,जयराम तुरी,ब्रह्मदेव ठाकुर, मोहम्मद हैदर, के नेतृत्व में सैकड़ों की तादाद में किसान मानव श्रृंखला लगाया गया.
देखें वीडियो,Jamui, कृषि कानून के विरोध में एवं किसान आंदोलन के समर्थन मे महागठबंधन का मानव श्रृंखला
मौके पर पूर्व विधायक विजय प्रकाश ने कहा कि यह कानून भारत में खेती किसानी का चेहरा बदल देगा. जिसमें किसान पूरी तरह से प्राइवेट कंपनी और कॉरपोरेशन की दया पर रहने को मजबूर कर दिया जाएगा.वही मौके पर भाकपा माले के जिला सचिव शंभू शरण सिंह ने कहा की फासिस्ट मोदी सरकार जो संविधान की धता बताते हुए 3 किसान विरोधी काले कानून लाकर हिंदुस्तान की खेती और किसानी को चंद कॉर्पोरेट के हाथों गिरवी रख देने वाले कानून के खिलाफ आज पूरे देश में किसान फासिस्ट मोदी सरकार से आर पार की लड़ाई के मूड में है. इसी के समर्थन में आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर पूरे बिहार के किसान मानव श्रृंखला में भाग लेकर मोदी सरकार को चुनौती दिया है.
मौके पर उपस्थित आइसा के प्रदेश उपाध्यक्ष बाबू साहब ने कहा की पूरे देश में किसान और आम नागरिक इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं.क्योंकि इन के माध्यम से किसानों और आम जनता को एक नए कंपनी राज के हवाले कर दिया गया है.अंतर सिर्फ इतना है कि पहले वाला कंपनी राज अंग्रेजों का था इन कानूनों के बाद जो कंपनी राज बनेगा वह अडानी और अंबानी का होगा.
वही सीपीआई के जिला सचिव नवल किशोर सिंह ने कहा कि अंग्रेजों द्वारा नील की जबरिया खेती की तीन कठिया प्रणाली व कंपनी राज के खिलाफ महात्मा गांधी ने किसान नेता के बतौर बिहार के किसानों के संघर्ष का नेतृत्व किया था. उनकी शहादत दिवस पूरे बिहार का किसान किसानी ओर खेती बचाने के लिए मानव श्रृंखला लगाया गया.
मौके पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष हरेंद्र सिंह और रामलखन सिंह ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच किसान विरोधी 3 तीनों बिल लाकर कर प्रधानमंत्री के शब्दों में कहें तो उन्हें आपदा में अवसर खोजने के लिए महामारी की आड़ में लोकतंत्र की हत्या कर किसान विरोधी कानूनों को देश के किसान के ऊपर थोप दिया.
मुकेश कुमार पासवान की रिपोर्ट