झारखंड-बिहार बॉर्डर के सीमा के जंगलों में नक्सलियों द्वारा की जाती थी हफीम की खेती
जमुई, बिहार-झारखंड बॉर्डर के समीप जंगलों में नक्सलियों के द्वारा की जा रही मौत की खेती को चकाई पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए नष्ट कर दिया है.चकाई के सुदूरवर्ती जंगलों में नक्सलियों द्वारा लगाई गई एक एकड़ से अधिक के हफीम के पौधे को जमुई पुलिस ने नष्ट किया है.बताया जाता है की यह हफीम नक्सलियों द्वारा उपजाया जा रहा था.
जमुई पुलिस ने नक्सलियों द्वारा लगाए एक एकड़ से अधिक के अफीम को किया नष्ट
इस सम्बंध में जमुई पुलिस अधीक्षक प्रमोद मंडल ने बताया की जिले में नक्सलियों एवं अपराधियों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसमे गुप्त सूचना मिली थी की बिहार-झारखंड बॉर्डर के समीप चकाई थाना क्षेत्र अंतर्गत अति नक्सल प्रभावित बोंगी पंचायत के टोला पहाड़ एवं पथरिया के जंगलों में नक्सलियों द्वारा बृहद पैमाने पर अफीम की खेती की गई है.नक्सल अभियान एएसपी सुधांशु कुमार के नेतृत्व में चकाई सीआरपीएफ,चरकापत्थर एसएसबी, महेश्वरी सीआरपीएफ, चरकापत्थर थानाध्यक्ष,चकाई थानाध्यक्ष एवं नक्सल सेल की टीम द्वारा नक्सल अभियान चलाकर संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक एकड़ से अधिक जगहों में फैले हफीम की खेती को नष्ट किया गया.वही अधिकारियों ने बताया की उक्त हफीम की अनुमानित कीमत 40 से 50 लाख से अधिक की होगी.
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बतादे की नक्सली अपने संगठन को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए अफीम की खेती ग्रामीणों से करवाते है.अफीम की खेती पहाड़ों के तलहटी में कराई जाती है उसके आस-पास कोई गांव नहीं होते है.पुलिस बल को पहाड़ पर चढ़ते देख अफीम की खेती की देखरेख करने वाले भी फरार हो जाते हैं.
क्या कहते है पुलिस अधीक्षक
जमुई पुलिस अधीक्षक प्रमोद मंडल ने कहा की जमुई पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हफीम की खेती को नष्ट किया है.नक्सलियों एवं अपराधियों को बख्शा नही जाएगा.इस मामले में चकाई थाना में एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है.
बिधुरंजन उपाध्याय की रिपोर्ट
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