सोनो, विति वर्ष 1981 से 1995 तक जल संसाधन विभाग बटिया मे कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को वर्ष 1996 मे किये गये सेवा मुक्ति के बाद 25 वर्षों से लगातार आज तक सरकार से अपनी सेवाएं प्रदान करने की मांग करते हुए थक जाने के बाद आज सभी कर्मचारी आत्म हत्या करने पर मजबुर हैं । कर्मचारियों ने बताया कि सेवा मुक्ति के बाद पुनः अपनी सेवाएं प्रदान के लिए भागलपुर स्थित तत्कालीन राज्यपाल माननिय बुटा सिंह से आग्रह किया गया , जिस पर श्रीमान के द्वारा इन सभी दैनिक भोगी कर्मचारियों की सेवा जारी रखने के लिए सभी उच्चाधिकारियों से वार्ता की गई , वार्ता के उपरांत बिहार सरकार के द्वारा यह निर्णय लिया गया कि सन 1985 से पुर्व मे कार्यरत सभी कर्मचारियों की सेवा जारी रखा जाय , लेकिन आज तक ना तो किसी प्रकार की कोई विचार किया गया ओर ना ही कोई कार्रवाई की गई लिहाजा इन कर्मियों की सेवा पर लगा ग्रहण जस की तस बनी हुई है ।
सरकार द्वारा जारी निर्देशों को तत्कालीन राज्यपाल माननिय बुटा सिंह ने भी स्वीकार किया लेकिन विभाग द्वारा आज तक कोई आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई । लिहाजा सभी कर्मचारियाें के परिवार भुखमरी के कगार पर हैं । कर्मचारियों ने अपनी लंबित एक माह का वेतन भुगतान करने एवं नियमित सेवा प्रदान करने की मांग की है ।
(संवाददाता निलेश कुमार की रिपोर्ट)