जमुई जिले में बालू उठाव के लिए एक बार फिर खनन विभाग द्वारा 3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया है। अब पुराने बालू संवेदक नियत चालान की राशि भरकर फिर से 3 महीने के लिए बालू का उठाव शुरू कर रहे हैं। वही एक बार फिर से बालू का दोबारा खनन होने से कई गांव के ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि बालू संवेदक द्वारा नदी में सरकारी गाइडलाइंस को धत्ता बताकर बालू का उठाव किया गया था। जिससे खेती कर रहे किसानों के लिए पानी की समस्या उत्पन्न हो रही है।
किसानों का कहना है कि नदी की गहराई अधिक हो जाने की वजह से पाइन से पानी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है।जिसके वजह से गांव के सैकड़ों एकड़ भूमि पर पानी की वजह से खेती की समस्या उत्पन्न हो रही है। खैरा प्रखंड के केंदुआ गांव के दर्जनों लोग बालू संवेदक के खिलाफ जिलाधिकारी को पत्र लिखकर बालू उठाव रुकवाने की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस बार बालू उठाव के लिए संवेदक द्वारा खैरा सोनो मार्ग पर केंदुआ गांव स्थित पुल के नीचे पिलर के पास बालू से भरे ट्रकों के आवागमन के लिए जेसीबी एवं पोकलेन लगाकर मनमाने ढंग से रास्ता बनाया जा रहा है। जिससे भविष्य में पुल कमजोर होने की संभावना है।
वही सोनो प्रखंड के बरनार नदी सोनो घाट पर भी सैकड़ों किसानों ने बालू उठाव के विरोध में प्रदर्शन किया है। बरनार नदी के आसपास खेती करने वाले किसानों का भी कहना है कि संवेदक द्वारा सरकार के तय मानकों को ताक पर बालू उठाव करने की वजह से नदी का जलस्तर नीचे चला गया है। जिसके वजह से आसपास के इलाकों में हैंडपंप में पानी का लेयर नीचे चला गया है। इसके साथ ही नदी की गहराई ज्यादा हो जाने की वजह से पाइन से पानी हमारे खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है। जिसके वजह से किसानों को खेती करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गांव के सभी ग्रामीणों की मांग है कि अभिलंब बालू उठाव पर रोक लगे। अन्यथा सभी ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे।
सोनो से योगेंद्र प्रसाद उर्फ कुंदन की रिपोर्ट