🔴गरीबों को नहीं मिल पा रहा सस्ती दवा का लाभ
🔴डेढ़ साल पहले सदर अस्पताल सहित सभी पीएचसी में जेनेरिक दवा दुकान का हुआ था आवंटन
लखीसराय, जन औषधि योजना लागू होने के बाद जरुरतमंद लोगों को यह उम्मीद जागी थी कि अब उन्हें बहुत कम दाम में जीवन रक्षक दवाएं मिलना शुरू हो जाएंगी मगर हकीकत बहुत कड़वी है. जिले में महंगी दवाएं बहुत ही कम दाम पर दिलाने की योजना परवान नहीं चढ़ पाई है. डेढ़ साल में अब तक जिले के किसी भी प्रखंड या किसी स्वास्थ्य केंद्र परिसर में जन औषधि केंद्र नहीं खुल पाया है. केंद्र नहीं होने से मरीजों को सरकारी अस्पताल से मिलने वाली कम गुणवत्ता वाली या फिर डॉक्टर के परचे पर लिखी ब्रांडेड महंगी दवाएं निजी मेडिकल से खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है.
इस संदर्भ में उन्हें फिलहाल विशेष जानकारी नहीं है. आवंटित लोगों ने अभी तक जन औषधि केंद्र क्यों नहीं खोला इसकी जांच करेंगे. नए सिरे से जिले में जन औषधि केंद्र खोलने का प्रयास किया जाएगा.
डॉ डीके चौधरी, सिविल सर्जन लखीसराय
ज्ञात हो कि लगभग डेढ़ साल पहले सदर अस्पताल सहित बड़हिया रेफरल अस्पताल, सूर्यगढ़ा, हलसी, रामगढ़ व पिपरिया में जेनेरिक दवा खोलने को लेकर लोगों का आवंटन भी हो चुका था. मगर डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी सदर अस्पताल सहित किसी भी प्रखंड में आवंटित लोगों के द्वारा जन औषधि केंद्र नहीं खोला गया. ना ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस संबंध में जन औषधि केंद्र के लिए संबंधित लोग से संपर्क किया गया ना ही नए सिरे से आवंटन को लेकर कोई पहल किया गया.जिसका खामियाजा जिले के विभिन्न क्षेत्र के गरीब गुरबा लोगों को महंगी दवा खरीद कर भुगतना पड़ रहा है.
क्या है जन औषधि केंद्र
जन औषधि केंद्र एक ऐसा काउंटर है, जहां पर जीवन रक्षक दवाओं के अलावा अन्य दवाएं भी मिलती है. इस केंद्र पर बाजार में बिकने वाली महंगी ब्रांडेड दवाओं की जगह उसी फॉर्मूले से बनी कम कीमत की जेनरिक दवाएं उपलब्ध होती हैं. जरुरतमंद मरीज महंगी दवाएं नहीं खरीदकर बस डॉक्टर के परचे पर लिखे गए फॉर्मूले के हिसाब से इन केंद्रों से वही दवाएं कम कीमत में खरीद सकते हैं.
वर्ष 2015 की योजना, एक भी नहीं खुला केंद्र
जन औषधि केंद्र की योजना वर्ष 2015 में आई थी. उसके बाद से अब तक करीब 4 साल का लंबा वक्त बीत गया है मगर जिले के किसी भी स्वास्थ्य केंद्र या शहरी क्षेत्र में एक भी केंद्र अब तक शुरू नहीं हो पाया है.इस योजना से बेरोजगार युवकों को जोड़ने के लिए इस योजना के तहत कुछ लाभ भी देना तय हुआ था. योजना के तहत तय किए गए लाभ भी युवकों को केंद्र खोलने के लिए आगे नहीं ला पाए हैं.
केंद्र खोलने के फायदे
– केंद्र खोलने पर लाख लाख की वित्तीय सहायता.
– दवाआें के प्रिंट रेट पर 20 फीसदी का लाभ.
– केंद्रों को 10 फीसदी का इन्सेंटिव मिलेगा.
– यह इन्सेंटिव एक साल में अधिकतम 10 हजार रुपए तय.
– मरीजों को कम दाम पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं मिलेंगी.
लखीसराय से चांद किशोर की रिपोर्ट