जमुई, नवादा जिले के पकरीबरावां थाना अंतर्गत एकरी गांव की 8 वर्षीय लड़की 31 नवंबर 2020 को रात 8:00 बजे बरात देखकर घर जा रही थी, उसी दौरान उसके साथ 4 से 5 लोगों ने बलात्कार जैसे जघन्य घटना को अंजाम दिया था. बलात्कारी अभी भी कानून के शिकंजे से बाहर हैं. इसी घटना के विरोध में आज जमुई के तमाम सामाजिक संगठनों के द्वारा एक आक्रोश मार्च निकाला गया.आक्रोश मार्च मसौढ़ी चौक से निकलकर महाराजगंज होते हुए कचहरी चौक पर सभा के रूप में समाप्त हुआ. मौके पर उपस्थित सोनू कुमार रावत ने कहा कि इस प्रकार के जघन्य अपराध के लिए समाज में कोई जगह नहीं है, नवादा पुलिस को चाहिए अभिलंब दोषियों को गिरफ्तार करें. बिहार सरकार और केंद्र सरकार से मांग करता हूं, कि फास्ट ट्रैक कोर्ट बना करके दोषियों को सजा को फांसी में तब्दील कर उसे फांसी के तख्ते पर चढ़ाया जाए.
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वही मौके पर उपस्थित आशीष नारायण रावत ने कहा कि आए दिन समाज में ऐसी घटनाएं घटती रहती है और दोषियों को कठोर सजा नहीं मिलती है,जिससे उनका मनोबल बढ़ता है.बिहार सरकार को चाहिए कि बलात्कार जैसे अपराध के लिए कोई ठोस कानून बनाए और दोषी को सजा दी जाए. वही मौके पर उपस्थित ने कहा हम लोगों का आक्रोश मार्च दोषियों को सजा दिलाने के लिए लिया है.वही मौके पर उपस्थित शुभम कुमार मंडल ने कहा कि पीड़ित एक गरीब परिवार की बच्ची है इसीलिए इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है, ना ही अभी तक सरकार का कोई मंत्री या विधायक पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और ना ही जिला प्रशासन का कोई पदाधिकारी.इस आक्रोश मार्च के माध्यम से हम सभी मांग करते हैं, पीड़ित परिवार से मिलकर दोषियों को गिरफ्तार करें.वही मौके पर उपस्थित लोजपा के छात्र जिला अध्यक्ष हरे राम रावत ने कहा कि बलात्कार जैसे अपराध के लिए समाज में कोई जगह नहीं है.
इस आक्रोश मार्च में सैकड़ों की तादात में युवाओं ने अपना आक्रोश व्यक्त किया. हरेराम रावत, नित्यानंद मंडल, रोहित कुमार, मोहम्मद ताबिश, लाल मोहम्मद, मुन्ना खान,विशाल कुमार, सोनू कुमार, बिक्कू ठाकुर, उत्तम कुमार साह,आशीष कुमार रावत आदि लोग उपस्थित थे.
धर्मेंद्र कुमार की रिपोर्ट
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