बरहट, शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार के द्वारा चलाए जा रहे मध्याह्न भोजन योजना प्रखंड अंतर्गत नुमर पंचायत के बार्ड नुमर 02 में संचालित नवीन प्राथमिक विद्यालय केवाल मकतब में अराजकता की भेंट चढ़ गई है। यहां बीते तीन दिनों से मध्याह्न भोजन नहीं बन रहा है। इसका कारण विद्यालय में तीन दिनों से रसोईया का नहीं आना बताया जाता है।अब जरा सोचिए जब इन लोगों की मर्जी होगी तो भोजन बनेगा जब मर्जी नहीं होगी तब नहीं बनेगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब सभी विद्यालयों का मध्यान भोजन का ब्योरा हर दिन आनलाईन होती है तो फिर किस परिस्थिति में इस स्कूल का ब्यौरा आनलाईन हो रहा था।
विद्यालय के छात्रा मुफ़लीजा खातून,मो वाजिद, अली प्रवीण बच्चों ने बताया कि इस स्कूल में हर दिन भोजन नहीं बनता है। सप्ताह में मात्र दो से तीन दिन ही बनता है। उसमें भी सिर्फ खिचड़ी और चोखा। आज तक अंडा व फल नहीं मिला। वहीं बच्चों के अभिभावकों ने का भी यही कहना है। जिस कारण बच्चे स्कूल जाना नहीं चाहते। इस बात की पुष्टि बच्चों की उपस्थिति देख कर भी लगाया जा सकता था। विद्यालय में नामित 48 बच्चों में मात्र 15 से 20 बच्चों की उपस्थिति थी। जबकि तीन शिक्षकों में मात्र एक शिक्षिका हाजरा खातून उपस्थित थीं। पूछने पर उन्होंने बताई की बीते 3 दिनों से रसोईया नहीं आ रही है जिस कारण एमडीएम बंद है। उन्होंने बताई विद्यालय प्रभारी चहक कार्यक्रम में तथा एक शिक्षिका बीएलओ की ड्यूटी में लगे हैं। जिस कारण एक मात्र की उपस्थिति है।
बहरहाल एमडीएम नहीं बनने के कारण बच्चों में निराशा थी।भोजन नही बनने से बच्चे भूखे पेट पढ़ाई करने के मजबुर है।इस संबंध में विद्यालय के प्रभारी मो जमीरुउद्दीन अंसारी बताते हैं कि बच्चों का एमडीएम नित्य बन रहा है।इससे साफ जाहिर होता है कि एमडीएम के नाम पर किस तरह लूट मची है।इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी आनंदी हरिजन कहते हैं कि भोजन बनना चाहिए अगर नहीं बना है तो गलत है। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
बरहट से शशिलाल की रिपोर्ट