सिकंदरा, देश की चरमराती विधि व्यवस्था व बढ़ती मंहगाई के विरोध में शनिवार को भाकपा कार्यालय में भाकपा शीर्ष कमेटी की एक अहम बैठक बुलाई गई. बैठक की अध्यक्षता कामरेड गजाधर रजक ने की. बैठक में सर्वप्रथम देश राज्य एवं जिले में कोरोना संक्रमण से हुए मृत्यु के शिकार व्यक्तियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित कर दो मिनट का मौन रखा.
इस अवसर पर पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद बेगूसराय के पूर्व विधायक कामरेड राजेंद्र प्रसाद सिंह ने एनडीए सरकार के काले कारनामों पर बरसते हुए कहा कि देश में आज बढ़ती महंगाई के साथ बेलगाम प्रशासनिक व्यवस्था से आम लोगों का जीना दुर्लभ हो गया है. लोग की परेशानी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. पूर्व विधायक ने तीन कृषि काले कानून एवं कोरोनाकाल में आक्सीजन के अभाव में मौत के आंकड़े छिपाने का आरोप भी लगाया.
वहीं बड़े पैमाने पर पेगासस कंपनी द्वारा की गई जासूसी कांड पर भी चर्चा की. भारी वर्षा से बिहार के 13 जिलों में बाढ़ की भयावह स्थिति पर सरकार की विफलता को गिनाया. जिला सचिव नवल किशोर सिंह ने राज्य की बिगड़ती व्यवस्था के मद्देनजर अफसरशाही एवं पुलिसिया दुर्व्यवहार पर घोर चिंता व्यक्त की. अपहरण,हत्या,चोरी,बालू की लूट एवं शराबबंदी कानून का घोर उल्लंघन होने की चर्चा की. इस दौरान हाल में मुंगेर के बरियारपुर अंचल के पार्टी का एक सक्रिय कार्यकर्ता जो जनसवालों पर मुखर होकर संघर्षशील था. उसे नाहक में नक्सली का जमात बनाकर खैरा के एक मुकदमा में मुदालह बना कर जेल भेज दिया गया. जो निंदनीय है. बैठक में आसन्न ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर समान विचारधारा वाले कर्मठ, संघर्षशील उम्मीदवारों को जिताने का आह्वान किया गया.
इस अवसर पर कामरेड देवानंद सिंह, जिला प्रवक्ता गिरीश सिंह,रामाश्रय सिंह, जयप्रकाश रावत,गोविंद यादव,रामदयाल यादव, नागेंद्र सिंह,शशि भूषण सिंह,जगदीश मांझी,सुभाष यादव,मुरारी राम समेत दर्जनों भाकपा कार्यकर्ता उपस्थित थे.
प्रवीण कुमार दुबे की रिपोर्ट