सिकंदरा, बिहार में साल 2016 से शराबबंदी कानून लागू है. लेकिन कानून के ठेंगा दिखाकर शराब माफिया अवैध शराब बनाने में लगे हुए हैं. इधर, पुलिस भी अवैध धंधे में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए पुलिस लगातार क्षेत्र में छापेमारी अभियान चला रही है. जमीनी स्तर पर निगरानी करने से साथ ही राज्य सरकार अब अवैध तरीके से चल रहे देसी शराब की भट्टियों की पहचान करने के लिए ड्रोन तकनीक का सहारा ले रही है. सरकार द्वारा उठाया गया ये कदम काफी सफल साबित हो रहा है.
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इसके तहत ही सिकंदरा थाना क्षेत्र के मिरचा कोड़ासी गांव के आसपास एवं जंगलो में जमुई उत्पाद विभाग और सिकंदरा पुलिस एवं एएलटीएफ टीम के द्वारा ड्रोन कैमरा की मदद से हजारों लीटर अर्ध निर्मित देसी महुआ शराब को नष्ट किया गया. बता दें कि बिहार सरकार शराब माफिया पर शिकंजा कसने एवं शराबबंदी को सफल बनाने के लिए ड्रोन कैमरे की मदद से शराब माफिया के ठिकानों तक पहुँचने की कोशिश कर रही है.
जानकारी देते हुए थानाध्यक्ष जितेंद्र देव दीपक ने बताया कि टीम में सम्मिलित सिकंदरा सर्किल इंस्पेक्टर अरविंद कुमार, अवर निरीक्षक सुभाष कुमार सिंह, एएलटीएफ टीम से प्रशांत कुमार अवर निरीक्षक राजा बाबू के अलावे दर्जनों की संख्या में महिला पुरुष जवानों के द्वारा झाड़ियों में छुपा कर रखे लगभग 4000 लीटर फुला हुआ जावा महुआ, अर्ध निर्मित शराब को नष्ट किया गया. थानाध्यक्ष ने कहा कि विभिन्न जगहों पर शराब निर्मित करने वाले भट्ठियों को ध्वस्त कर दिया गया. उन्होंने कहा कि ड्रोन कैमरे की मदद से एक ही स्थान से शराब बनाने वाले ठिकानों का आसानी से पता चलता है और कार्रवाई करने में बहुत आसानी होती है.
सिकंदरा से प्रवीण कुमार दुबे की रिपोर्ट