सोनो प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र में आषाढ़ी पुजा शुरू हो गई है. इसी क्रम में आज औरैया सहित ,बेलाटाड़, रकसा, भरतपुर, बोगैया, कासरोटी आदि गांव में पुजा आयोजन किया गया है. पुजा को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई थी. मंदिर रंग-रंगीन के साथ सजधज कर तैयार है. खेती में नित नए नए प्रयोगों के बीच आज भी किसान आस्था के साथ आषाढ़ी पुजा के बाद ही खेतों में धान की रोपनी शुरू करते है.
बता दें कि यहां की मुख्य फसल धान है.धान की खेती शुरू करने से पहले काली/ भगवती माँ , मां काली आराधना की जाती है. कहीं वैष्णवी पुजा का आयोजन होता है तो कहीं बलि दी जाती है. औरैया मंदिर कमेटियों के द्वारा बताते हैं कि यहां दर्शकों से काली पूजा का आयोजन किया जा रहा है. इस पूजा का संबंध खेतीवाड़ी से जुड़ा है.
परंपरा के अनुसार इस पूजा के पहले गांव का कोई भी किसान धान की रोपनी नहीं कर सकता है. उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष पूरे विधि-विधान के साथ अच्छी पैदावार वह महामारी से बचाव के लिए वार्षिक काली पूजा का आयोजन किया जाता है. पूजा के एक दिन पूर्व से ही पुरोहित, मुख्य यजमान व उनके सहयोगी नेम निष्ठा के साथ ब्रत धारण करते हैं. यह पूजा आषाढ़ मास के मंगलवार या शनिवार को मनाया जाता है. परंपरा है कि पूजा के बाद गांव में शादी-विवाह बंद हो जाता है.मंदिर में पूजा से पहले अष्टयाम का आयोजन किया गया था.
बता दें कि इस मंदिर के अंतर्गत औरैया में लगभग 300 से लेकर 400 घरों तक की आस्था जुड़ी हुई है. दर्जनों श्रद्धालुओं का मनोकामना पूर्ण होने से बच्चों का मुंडन भी किया गया.इसके बाद आज औरैया काली मंदिर में बली देकर कर आज पूजा हुई समाप्त. मौके पर काली मंदिर औरैया के कमेटी के अध्यक्ष उपाध्यक्ष कोषाध्यक्ष सदस्यों की देखरेख में आज पूजा हुई संपन्न, कमेटी सदस्य कोकिल यादव, त्रिवेणी यादव को संजय यादव सुभाष यादव रविंद्र यादव विशाल यादव, सुखदेव यादव, द्वारिका यादव ,सियाराम यादव, राजेंद्र यादव सुरेश यादव सुनील शर्मा हृदय नारायण शर्मा इसके अलावा दर्जनों बुद्धिजीवी एवं ग्रामीण उपस्थित थे.
योगेंद्र प्रसाद उर्फ कुंदन की रिपोर्ट