यह तो सर्वविदित है, की गलवान घाटी में हुए भारतीय सैनिक और चीनी सैनिक के बीच खूनी संघर्ष में 20 भारतीय वीर सेनानियों शहीद हो गए थे. चाइना के कितने सैनिक मरे इसको बताने में चाइना घबराता है. यह चाइना का कायरता हरकत है. इस कयरता पूर्ण हरकत के विरोध में पूरा भारत एकजुट है. हम इस बात का समर्थन करते हैं,अगर आज कोई भी देश को आंख दिखाएगा तो हम उससे कम नहीं है.यह नया उभरता भारत है हम भारतीय ही उभरते वैश्विक अर्थव्यवस्था के नायक हैं. यह सारी दुनिया जानती है. फिर भी चीन हमेशा से बगावत करता रहा है, भारत के नीतियों का विरोध करता रहा है. यह तो सर्वविदित है .पाकिस्तान की फंडिंग आज चाइना ही करता है. गलवान घाटी घाटी में चाइना को करारी शिकस्त मिली है फिर भी चाइना इस बात को नकारता है की हमारे सैनिक भी मरे है.
चाइना हमेशा से ही है व्यापारिक फायदा ज्यादा देखता है. चाइना की अर्थव्यवस्था ही व्यापार है. और उसमें सबसे बड़ा खरीददार हम भारतीय ही हैं, हम विरोध करते हैं फिर भी हम भूल जाते हैं, दिवाली, होली आते ही चाइनीस पटाखे और पिचकारी का विरोध तो करते हैं, फिर समय बीतने के बाद भूल जाते हैं चाइना ने हमारे साथ क्या किया. अगर देखा जाए तो भारत में चीनी मोबाइल कंपनियों का काफी दबदबा है. चीनी मोबाइल कंपनी ही आज भारत के टॉप 10 मोबाइल सेलर के लिस्ट में आते हैं.
आज भारत सरकार ने चाइनीज के 59 ऐप को बंद करके अच्छा कदम उठाया है.इससे पहले भारत सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर में चाइना द्वारा उपकरणों को सरकारी संस्थान बीएसएनल एमटीएनएल को आयातित करने के लिए मना करने का निर्देश दिया था,वैसे ही प्राइवेट टेलीकॉम सेक्टर को भी कड़ाई से चाइनीज उपकरण को आयातित करने के ऊपर बैन करना चाहिए. सरकार से हम आमजन यही उम्मीद करते हैं कि जिस तरह चाइनीस कंपनी के ऐप को बंद किया गया है ,उसी तरह मोबाइल कंपनियों को भी बैन किया जाए. भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए हमारा युवा भारत की काफी है.
हमें हमेशा के लिए चाइनीस वस्तुओं का बहिष्कार करना पड़ेगा. यह हम खुद भारतीयों को सोचना है. इसके अलावा एक बात और आपको बता दूं, भारतीय कंपनी में भी चाइनीज कंपनी का बहुत पैसा लगा है. जिसके लिए सरकार अगर कदम उठाए तो चाइनीज कंपनियों को या फिर चाइना सरकार को अच्छा सबक मिलेगा. मैं कुमार नेहरू जमुई टुडे के संपादक होने के नाते भारत सरकार से यह उम्मीद करता हूं ,की जितने भारतीय कंपनी में चाइना के पैसे लगे हैं उन कंपनियों को बैन किया जाए.
यह उभरता भारत है यहां युवाओं की संख्या ज्यादा है कोई भी देश की दादागिरी यहां के नागरिक बर्दाश्त नहीं करेंगे. जिस तरह सरकार ने चाइनीस ऐप को बैन किया है उसी तरह सरकार चाइना द्वारा आयातित सारे वस्तुओं को बैन करना चाहिए. यही शायद हरेक. भारतीयों की आवाज है.