कोरोना संकटकाल में मंदी से जूझ रही अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान का आगाज किया है. आज के ऐलान कृषि सेक्टर से जुड़े बुनियादी ढांचे पर आधारित है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि फुट एंड माउथ डिजीज और ब्रुसेलोसिस के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 13,343 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
निर्मला सीतारमण की प्रेस कांफ्रेंस में कही गई मुख्य बातें
वित्त मंत्री ने बताया कि कृषि का आधारभूत ढ़ांचा बनाने के लिए 1 लाख करोड़ की योजना लाई गई है.
लॉकडाउन के दौरान दूध की डिमांड 20-25 पर्सेंट घट गई थी इसलिए उनका 11 करोड़ लीटर अतिरिक्त दूध की खरीद की गई. 4100 करोड़ रुपए खर्च किए गए.
छोटी फूड ईकाइयों को 10000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. बिहार में मखाना के क्लस्टर, केरल में रागी, कश्मीर में केसर, उत्तर प्रदेश में आम से जुड़े क्लस्टर बनाए जा सकते हैं.
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 20000 करोड़ रुपये मछली उत्पादन करने वालों को दिए जाएंगे. इससे मछली का अतिरिक्त उत्पादन होगा और 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.
53 करोड़ पशुओं का टीकाकरण होगा. इसमें 13343 हजार करोड़ रुपये खर्च होगा.
पशुपालन में भी देश के किसान पीछे नहीं है. पशुपालन में आधारभूत ढांचा खड़ा करने के लिए 15000 करोड़ रुपये फंड दिया गया है.
10 लाख हेक्टेयर भूमि में हर्बल खेती की जाएगी. इसके लिए 4000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इससे किसानों को 5 हजार करोड़ रुपए की आमदनी होगी.
मधुमक्खी पालकों के लिए 500 करोड़ रुपये का फंड है. इससे 2 लाख मधुमक्खी पालकों को फायदा मिलेगा.