जमुई/झाझा, प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कैशौपुर गांव में एक ही घर के पांच सदस्य हुए डायरिया बीमारी का शिकार जिसमें एक की हुई मौत । स्वास्थ्य विभाग की टीम जुटी जांच में रेफरल अस्पताल की ओर से गांव में ब्लिचिंग पावडर का छिडकाव सहित दवा का वितरण किया गया। कैशौपुर गांव में एक ही परिवार के अनंत कुमार यादव उम्र 38 वर्ष , मन्नु कुमार उम्र 9 वर्ष , बॉबी कुमारी उम्र 10 वर्ष , मंटू कुमार उम्र 4 वर्ष डायरिया से प्रभावित है। जिसमें मन्नु कुमार की मौत डायरिया बीमारी के कारण हो गया ।
जिसकी सूचना जैसे ही रेफरल अस्पताल झाझा के प्रभारी डॉ अरूण कुमार को हुई तो उन्होंने तत्काल टीम गठित कर गांव में भेज दिया और स्वम भी पहुंच गये। इस दौरान उन्होंने कहा कि दूषित खाना और पानी से यह बीमारी होती है। इससे मरीज के पेट में दर्द, मरोड़ के साथ लूज मोशन होने लगते हैं। इससे डिहाइड्रेशन की समस्या होती है प्यास तेज लगती है, लेकिन पानी पीने पर उल्टी होने लगती है। कहा कि ऐसे में ध्यान देने और समय से इलाज की जरूरत है। डॉ अरूण कुमार ने कहा कि डायरिया दो तरह का होता है। एक्यूट और क्रॉनिक। एक्यूट डायरिया जीवाणु विषाणु या पैरासाइट के कारण होता है।
यह सामान्यत: हफ्ते भर में ठीक हो जाता है, लेकिन जब बीमारी हफ्ते भर से ज्यादा रह जाए तो उसे क्रॉनिक कहा जाता है। क्रॉनिक डायरिया आंत की विभिन्न बीमारियों के कारण हो सकता है। इसमें पाचन तंत्र की गंभीर गड़बड़ी पाई जाती है। उन्होंने सभी से बासी खाना खाने तथा साफ पानी पीने की अपील की और दिक्कत होने पर तत्काल सूचना देने की बात कही। इस संबंध में सीएचओ होशियार सिंह ने बताया कि कैशौपुर गांव में एक परिवार में डायरिया की शिकायत मिली है। जिस पर टीम ने जांच किया है और दवा का वितरण किया गया है।
झाझा से सोनू कुमार की रिपोर्ट