खैरा प्रखंड अंतर्गत कागेश्वर शिव मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. कागेश्वर शिव मंदिर का इतिहास वर्षों से जाना जाता है,कहा जाता है, यहां बाबा कागभूषंडी जीने कागेश्वर शिव मंदिर में ही कई दिनों तक तपस्या की है.इसी का इतिहास और गाथा हम सभी भक्त गण एवं ग्रामीण वासी मानते आ रहे हैं.प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी गांव में मटका फोड़ श्री कृष्ण लीला एवं कृष्ण झूला का कार्यक्रम चलते आ रहा है. यह प्राचीन मंदिर लगभग ढाई एकड़ तक फैली हुई है मंदिर के अंतर्गत फल फूल बाग बगीचा हरे-भरे पौधों से घिरा हुआ है.अद्भुत दृश्य बाबा नागनाथ के क्षेत्र में देखने को मिलता है.इस गांव अर्थात कागेश्वर को बाबा कागनाथ के नाम से ही जाना जाता है. बुजुर्गों का कहना है,कि इस अद्भुत मंदिर निर्माण बेल का छोवा , गुड, ईख आदी से निर्माण किया गया.
इस मंदिर में पुजारी कोसों दूर चल कर आते हैं.ऐसा भी कहा जाता है भगवान को जो सच्चे मन से पूजा आराधना करते हैं. उनकी मनोकामना अवश्य पूरा करते हैं. इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु गोविंद पांडे , सभी ग्रामीण एवं नवयुवको का विशेष रूप से सहयोग रहा इस मंदिर के मुख्य पुजारी श्री ब्रह्मदेव पांडे लल्लू पांडे जालंधर पांडे सुबोध पांडे अशोक पांडे दिवाकर पांडे एवं समस्त पांडे परिवार कागेश्वर.
धर्मेंद्र कुमार की रिपोर्ट