जमुई ,श्रावण माह में वर्षों से श्रावणी मेला का आयोजन विभिन्न शिव मंदिर में किया जाता रहा है. इस महीने में श्रद्धालुओं द्वारा शिव मंदिर में भोले बाबा का जलाभिषेक करने की पुरानी मान्यता है. कहा जाता है कि श्रावण माह में भोले बाबा को जलाभिषेक करने से श्रद्धालुओं को मनवांछित फल मिलता है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के चलते किसी भी मंदिर में किसी मेला या धार्मिक आयोजन करने पर रोक लगा हुआ है.
अनलॉक 2 में यह आदेश निर्गत किया गया है, कि धार्मिक स्थलों को खोला जा सकता है,तथा सामान्य गतिविधियां का संचालन मंदिर परिसर में किया जा सकता है, लेकिन किसी भी तरह का मेला या धार्मिक समारोह का आयोजन नहीं किया जा सकता है.
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भारत सरकार के आदेशानुसार, गृह मंत्रालय, बिहार सरकार ने दिशा निर्देश जारी किया है. दिशा निर्देशानुसार श्रावण मेला में श्रद्धालुओं के विशाल समूह के भाग लेने से कोरोना वायरस के संक्रमण के अधिकांश लोगों में फैलने की पूरी संभावना है. इसलिए बिहार के सभी शिव मंदिर जहां सावन में मेला , जलाभिषेक या कावर यात्रा का आयोजन किया जाता है. उस मंदिर को पूर्ण रूप से 4 अगस्त 2020 तक बंद करने का आदेश दिया गया है. और श्रद्धालुओं से आग्रह किया गया है, कि कोरोना महामारी से अपने तथा अपने परिवार को बचाने के लिए घरों में रहकर ही भगवान की आराधना पूजा पाठ करें.
जमुई जिला प्रशासन ने खैरा प्रखंड स्थित गिद्धेश्वर शिव मंदिर, खैरा प्रखंड स्थित शिव मंदिर सिंगारपुर, सिकंदरा प्रखंड अंतर्गत महादेव सिमरिया शिव मंदिर, बरहट प्रखंड के मलयपुर थाना अंतर्गत पत्नेश्वर शिव मंदिर,तथा जिला अंतर्गत वैसे सभी शिव मंदिर जहां जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है तथा मेला का आयोजन होता है,को बंद करने का निर्देश दिया है. तथा मंदिर के प्रवेश द्वार पर बैरिकेड करने का निर्देश दिया गया है. इस आदेश को कड़ाई से पालन कराने के लिए जिला प्रशासन ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं जिले के सभी थाना अध्यक्ष को दिशा निर्देश जारी किया है.
इस आदेश के अनुसार मंदिरों में जलाभिषेक, श्रावणी मेला का आयोजन नहीं किया जा सकता है.
आपको बता दें कि इस बार विश्व प्रसिद्ध देवघर के बाबा बैजनाथ धाम मंदिर में भी मेला का आयोजन नहीं होगा, और ना ही कावर यात्रा निकलेगी. इस वजह से जिले के छोटे- बड़े तमाम मंदिरों में भीड़ लगने की आशंका है.