जमुई, चकाई विधानसभा क्षेत्र के सोनो प्रखंड अंतर्गत रैवाडीह गांव के लोग देश की आजादी के सातवें दशक के बाद भी बिजली , पानी सडक तथा शौचालय आदि से वंचित है। गांव तक जाने के लिए पगडंडी ही एकमात्र सहारा , बरसात के मौसम में मध्य भाग में पड़ने वाले जमुआ जोर मे बरसाती पानी के भर जाने से ग्रामीणों को गांव से बाहर जाना मुश्किल हो जाता है। ग्रामीण जोरिया का पानी पीने को विवश हैं। घास व तार के पत्तों से बनी झोपड़ी में रहने पर मजबुर हैं ।
राशन कार्ड के अभाव में सरकारी राशन पहुंच से कोसों दूर तथा वृद्धा पैंशन , विकलांगता एवं विधवा पैंशन इस गांव में रहने वालों को नशीब नहीं है । केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी ग्रामीणों तक नहीं पहुंचती है। यहां के ग्रामीण पिछले 70 वर्षों पूर्व की तरह मरु स्थित मे जीवन यापन करने पर मजबूर है। हमारे संवाददाता को गांव के ग्रामीण नए गांव की स्थिति से अवगत कराया । मौके पर ओजिर दास , विनोद दास, गिरधारी दास, सावित्री देवी ,यशोदा देवी ,बसंती देवी संगीता देवी , अलावे अन्य स्थानीय सैकड़ों ग्रामीण जन उपस्थित थे।
योगेंद्र प्रसाद उर्फ कुंदन की रिपोर्ट