चरका पत्थर गांव निवासी 72 वर्षिय चिकित्सक डाक्टर ओंकार बरनवाल का पिछले 15 दिनो पुर्व मे हुए निधन के बाद उनकी यादगार को कायम रखने के लिए उनके समाधी स्थल के प्रांगण में पैयजल की प्राप्ति के लिए ना सिर्फ एक चापाकल का निर्माण कराया गया बल्कि सैकड़ों फलदार पौधे लगाए गए । बताया जाता है कि डाक्टर ओंकार बरनवाल चरका पत्थर इलाके में पिछले 50 वर्षों पूर्व से अपने इलाके के दर्जनों गांवों में बसने वाले गरीब तबके के लोगों का ना सिर्फ मुफ्त में इलाज किया करते थे बल्कि नि:शुल्क औषधियां भी दिया करते थे , साथ ही विभिन्न गांवों में बसने वाले गरीब तबके के लोगों को हर सुख ओर दुख मे हमेशा साथ रहकर उनकी मदद किया करते थे । जिस कारण वे अपने क्षेत्र के लोगों के दिलों में बस गए थे । उनके निधन के बाद ग्रामीणों मे गहरा आघात पहुंचा है, तथा निधन की खबर सुनते ही उनके मृत शरीर का दर्शन करने ग्रामीणों की हुजुम लगी रही ।
यहां बताते चलें कि उनके सुपुत्र श्री राजेश बरनवाल ने अपने पिता की यादगार मे उनके समाधि स्थल पुरानी बाजार झाझा के प्रांगण में पैयजल हेतु निर्माण किये गये चापाकल के अलावा आम , जामुन , कटहल तथा आंवला आदि विभिन्न प्रकार के सैकड़ों फलदार पौधे लगाए । इस अवसर पर राजेश कुमार के साथ चाचा श्याम नंदन बरनवाल के अलावा सहोदर भाई रमेश कुमार , रिंटु कुमार , राजिव कुमार , साजन कुमार सनैही एवं फुफेरे भाई प्रमोद बरनवाल आदि शामिल थे ।
(संवाददाता निलेश कुमार की रिपोर्ट)