पतंजलि द्वारा निर्मित कोरोना वायरस के लिए कोरोनिल दवाई मंगलवार को बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा लांच की गई थी. पतंजलि आयुर्वेद की यह दवाई लॉन्च होते ही विवादों में घिर गई है. बुधवार को बाबा रामदेव की दवा को एक और झटका लगा है. इस बार उत्तराखंड की आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी ने बाबा की दवा पर सवाल उठाया है. वहीं, मंगलवार को स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा दवाई लॉन्च किए जाने के बाद भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने दवाई के प्रचार प्रसार पर रोक लगा दी थी.
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पतंजलि के कोरोना की दवा बनाने के दावे पर केंद्रीय आयुष मंत्रालय के रिपोर्ट मांगने के बाद उत्तराखंड सरकार के आयुर्वेद विभाग ने पतंजलि के दावों को गलत बताते हुए नोटिस जारी किया है, वाई.एस. रावत, लाइसेंस ऑफिसर उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग
#पतंजलि के कोरोना की दवा बनाने के दावे पर केंद्रीय आयुष मंत्रालय के रिपोर्ट मांगने के बाद उत्तराखंड सरकार के आयुर्वेद विभाग ने पतंजलि के दावों को गलत बताते हुए नोटिस जारी किया है: वाई.एस. रावत, लाइसेंस ऑफिसर उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 24, 2020
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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अथॉरिटी के उपनिदेशक यतेंद्र सिंह रावत ने कहा, ‘भारत सरकार का निर्देश है कि कोई भी कोरोना के नाम पर दवा बनाकर उसका प्रचार-प्रसार नहीं कर सकता। आयुष मंत्रालय से वैधता मिलने के बाद ही ऐसा करने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल, विभाग की ओर से पतंजलि को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 के इलाज में शत-प्रतिशत कारगर होने का दावा करते हुए मंगलवार (23 जून) को बाजार में एक टैबलेट उतारी। इस दवा का नाम ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ (Divya Coronil Tablet) है।
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