झाझा दिनांक 30 मई 2020, जमुई जिला प्राइवेट स्कूल एवं चिल्ड्रन एसोसिएशन के अध्यक्ष लक्ष्मण झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कोरोना वायरस के चलते इस लॉक डाउन की स्थिति में प्राइवेट स्कूलों को चलाने में हो रहे परेशानियों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से सवाल उठाया. उन्होंने सरकार से भावुक अपील की है. उन्होंने बताया कि, जैसा की सर्वविदित है की कोरोना महामारी के दौर में सभी विद्यालय बंद है. फलस्वरूप जिले भर के लगभग 400 छोटे-बड़े प्राइवेट स्कूलों के साथ गंभीर आर्थिक समस्या उत्पन्न हो चुकी हैं. सरकार बच्चों एवं अभिभावकों के हितों की रक्षा हेतु तत्पर दिखते हैं परंतु प्राइवेट विद्यालयों के हितों के संबंध में कोई चर्चा नहीं होती है.
विद्यालय प्रबंधन छात्रों अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षकों, गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए समान रूप से उत्तरदाई हैं. कोरोना वायरस से उपजे लॉक डाउन के चलते सभी प्राइवेट स्कूलों में शिक्षण का काम बंद है. जिसके वजह से सभी प्राइवेट स्कूलों को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. विद्यालयों को अपने कर्मचारियों के अलावा और भी कई मदों में खर्च करना पड़ता है, जैसे कि स्कूल बिल्डिंग का किराया, गाड़ी की ईएमआई, बिजली बिल, नगर पंचायत द्वारा लिए जाने वाला कमर्शियल टैक्स इत्यादि कई ऐसे खर्चे हैं जो सभी स्कूलों को हर माह भुगतान करना पडता है. इन्हीं वजह से सभी प्राइवेट स्कूलों के संचालक की हालत खस्ताहाल होती जा रही है.
प्राइवेट स्कूल एवं चिल्ड्रन एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री लक्ष्मण झा ने सरकार से विनम्र निवेदन किया है. प्राइवेट स्कूल अपने हितों की रक्षा के लिए क्या करें ताकि सब का भला हो इस संबंध में एक स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया जाए. इसके साथ ही 25% ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत पढ़ रहे गरीब बच्चों के लिए मिलने वाला सरकारी अनुदान के बकाया का भुगतान अविलंब किया जाए. निजी विद्यालयों के समस्याओं को नजरअंदाज ना किया जाए. हम सब ने सरकार के सभी कार्यक्रमों मे दिल खोलकर साथ दिया है. हम अपेक्षा करते हैं कि हमारी उपरोक्त सुझावों पर अभिलंब ध्यान दिया जाए. अन्यथा हमें आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.
इस बैठक मे सारडॉनिक्स उच्च विद्यालय झाझा, सनफ्लावर एकेडमी झाझा, झाझा पब्लिक स्कूल, संत कोलंबस पब्लिक स्कूल झाझा, बाल विकास सदन, ब्राइट स्टार पब्लिक स्कूल, रिचलुक प्ले स्कूल झाझा एवं गिद्धौर सेंट्रल स्कूल गिद्धौर के अतिरिक्त कई स्कूलों के निर्देशक एवं संचालक उपस्थित थे.
विज्ञापन