12 लाख 49 हजार की लागत से प्रखंड कार्यालय का 2018-19 में जीर्णोद्धार सह विशेष सुंदरीकरण कार्य कराया गया था
चकाई, सुंदरीकरण और मरम्मत के नाम पर बारह लाख उन्चास हजार रुपए खर्च किए जाने के बावजूद चकाई प्रखंड कार्यालय के भवन से बरसात का पानी टप टप टपक रहा है. हालात यह है कि कभी तोलिया कभी छतरी तो कभी कुर्सी आड़ कर कर्मी और अधिकारी बैठ कर जनता और सरकार का काम कर रहे हैं. इस दौरान फाइल के भीगने के खतरे से भी कर्मी आशंकित हैं. मरम्मत और सुंदरीकरण के महज डेढ़ साल में ही प्रखंड कार्यालय का भवन बरसात का पानी रोकने में असक्षम हो गया है. अब ऐसे में जानकार इसे खुले तौर पर सरकारी राशि के दुरुपयोग की बात कह रहे हैं. वजह जो भी हो लेकिन बरसात के इस पानी ने सरकारी कार्यों के गुणवत्ता की पोल सरकार के ही आंगन में खोल कर रख दी है.
मेरे द्वारा प्रखंड कार्यालय के सुंदरीकरण और जीर्णोद्धार की अनुशंसा किया गया था ।अभिकर्ता के नाम से काम स्वीकृत था। कार्य करवाने से मेरा कोई लेना देना नहीं है ।अब कैसे पानी टपक रहा है यह अभिकर्ता ही बता सकते हैं।
अनुष्ठा देवी उप प्रमुख सह तत्कालीन प्रखंड प्रमुख, चकाई
बताया जाता है कि प्रखंड कार्यालय चकाई का जीर्णोद्धार सह विशेष सुंदरीकरण कार्य तत्कालीन प्रभारी प्रखंड प्रमुख सह उपप्रमुख अनुष्ठा देवी के अनुशंसा पर पंचायत समिति के पंचम राज्य वित्त आयोग की राशि से वर्ष दो हजार अट्ठारह उन्नीस में बारह लाख उन्चास हजार की लागत से कराया गया था. तत्कालीन पंचायत सचिव जय नारायण दास के नाम से यह योजना अभिकर्ता के नाम स्वीकृत है. लेकिन कार्य कराए जाने के महज डेढ़ साल बाद ही इस बरसात के मौसम में पिछले दो माह से लगातार प्रखंड कार्यालय और उससे सटे कमरों में बरसात का पानी टपक रहा है. सोमवार को दिन के 11 बजे हुई बारिश के बाद प्रखंड कार्यालय स्थित पंचायती राज पदाधिकारी बबुआ पासवान के कार्यालय के दीवार से लगातार पानी टपक रहा था. जिससे कमरे में पानी जम गया था. वही उससे सटे प्रखंड कार्यालय के भवन में भी पानी लगातार प्रवेश कर रहा था.
बारिश के पानी के टपकने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता.छत पर का नाला जाम होने के कारण पानी टपक सकता है.फिर भी मैं इस मामले को देखता हूं।
सुनील कुमार चांद बीडीओ, चकाई
इस दौरान पंचायती राज पदाधिकारी के कार्यालय में कार्यरत कर्मी उसी बारिश के पानी में कुर्सी लगाकर पंचायत चुनाव से संबंधित कागजों का निपटारा कर रहे थे. पूछने पर पंचायती राज पदाधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से यही स्थिति है वह लोग बारिश के पानी के बीच ही कार्य निपटा रहे हैं.जिसे देखने वाला कोई नहीं है. बारिश के पानी से काफी दिक्कत होती है. काम में भी बाधा उत्पन्न होती है लेकिन वह लोग करें तो क्या करें. अब इससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकारी कार्यो में गुणवत्ता की क्या स्थिति है.
विकास कुमार लहेरी की रिपोर्ट