भारत हमेशा से संस्कार और अतिथि सत्कार के लिए पूरे विश्व में विख्यात है भारत में परिवारिक मूल्यों की कद्र बहुत है भारत मे परिवार के लिए लोग जान देने तक से नहीं पीछे हटते हैं. यह हमारे भारतीय संस्कार ही हैं की दरभंगा की एक बेटी अपने पिता को लाॅक डाउन में साइकिल पर बैठाकर गुड़गांव से दरभंगा आ गई थी.
बिहार के दरभंगा जिले की बेटी ज्योति के हौसले और हिम्मत की चर्चा अमेरिका तक पहुंच गई है।
8वीं क्लास की छात्रा ज्योति ने बताया कि गुरुग्राम में उसके पिता बीमार थे. लॉकडाउन के दौरान उनका सही से इलाज नहीं हो पाया.पैसे की कमी से खाने में भी दिक्कत होने लगी थी. मकान मालिक रूम छोड़ने के लिए दबाव देने लगे थे. ज्योति ने कहा कि साइकिल के सिवा आने के लिए और कुछ नहीं था. 15 साल की ज्योति ने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर 1200 सौ किलोमीटर साइकिल चला कर गुरुग्राम से दरभंगा के अपने गांव आ गई थी. इस यात्रा को ज्योति ने 8 दिनों में पूरा किया था.
दरभंगा की 15 साल की ज्योति जनवरी में अपने बीमार पिता की सेवा के लिए गुड़गांव गई थी. इसी बीच मार्च में लॉकडाउन हो गया और वह गुड़गांव में ही फंस गई. बीमार पिता की जेब खाली थी.पिता और बेटी के समक्ष भूखों मरने की नौबत आ गई. इसी बीच प्रधानमंत्री राहत कोष से एक हजार रुपये खाते में आए. ज्येाति ने कुछ और पैसे मिलाकर पुरानी साइकिल खरीदी और पिता को उस पर बिठाकर गांव लाने की ठानी. पिता पहले नहीं माने पर बेटी के हौसेले के आगे हां कर दी। ज्योति आठ दिनों की कड़ी मेहनत के बाद 12 सौ किलोमीटर साइकिल चलाकर पिता को लेकर गुड़गांव से दरभंगा के सिरहुल्ली पहुंच गई।
ज्योति की संघर्षपूर्ण कहानी सामने आने के बाद कई लोग और संगठन उसकी तथा उसके परिवार की मदद को सामने आए हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी ivanka Trump ने ज्योति को हौसलों को सलाम किया.अपने ट्विटर पेज पर ज्योति की फोटो शेयर किया