बरहट, सरकार शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लाखों रुपए खर्च कर मध्याह्न भोजन योजना चला रही हैं। इसके बावजूद भी विभाग के लापरवाही के कारण यह योजना बरहट प्रखंड अंतर्गत संचालित प्राथमिक विद्यालय बखारी में दम तोड़ रहा है। विद्यालय में मध्याह्न भोजन नहीं बनाए जाने पर शनिवार को ग्रामीणों ने विद्यालय में हंगामा किया।
वार्ड सदस्य बरुन कुमार, ग्रामीण सिकंदर कुमार ,पबन कुमार, प्रदीप यादव ,साबिता देवी, अनिता देवी, बलया देवी आदि ने बताया कि गर्मी छुट्टी के बाद से स्कूल में दो-चार दिन तक भोजन बना उसके बाद नहीं बन रहा है। ऐसे में बच्चे भूखे पेट रह कर पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। दोपहर तक बच्चे भूखे पेट पढ़ाई करने से उसके सेहत के साथ भी खिलवाड़ की जा रही है। लंच के टाइम में बच्चे अपने अपने घर जाकर के खाना खाते हैं। जबकि इस विद्यालय में कक्षा एक से पांच तक 105 बच्चे नामांकित है।विद्यालय में 40 बच्चे प्रत्येक दिन उपस्थित होते हैं और 60 बच्चे का मध्यान भोजन में नाम दर्शाया जाता है।
वहीं बिद्यालय बिकास समिति के सचिव रेणु देवी ने बताया कि गर्मी छुट्टी से पहले विद्यालय में 4 बोरा चावल स्टॉक था, जब स्कूल खुला तो चावल विद्यालय से गायब पाया गया। वहीं ग्रामीण से मिली जानकारी के अनुसार बिद्यालय प्रभारी ने विद्यालय के चावल गायव होने की बात भी स्वीकार भी की है। हालांकि यह अनुसंधान की विषय है। जब विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक बिमला कुमारी से पूछा गया कि विद्यालय में मध्याह्न भोजन क्यों नहीं बन रहा है तो वह कुछ भी बताने से इंकार कर दिए।
इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी आनंदी हरिजन कहते हैं कि विद्यालय में मध्यान भोजन नहीं बनने की सूचना मुझे भी मिला है।मैंने विद्यालय का निरीक्षण भी किया था। विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक और सचिव में समन्वय स्थापित नहीं होने के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है। मध्यान भोजन का चावल गायब कैसे हुआ ।इसकी की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
बरहट से शशि लाल की रिपोर्ट