भारत-चीन सीमा पर 45 साल यानी 1975 के बाद ऐसे हालात बने हैं, जब भारत के जवानों की शहादत हुई है. इस बार कोई गोली नहीं चली. सैनिकों के बीच पथराव हुआ. डंडों से एकदूसरे पर हमला किया गया.भारतीय जवानों की जवाबी कार्रवाई में चीन की तरफ से भी 3 सैनिक मारे गए हैं.
आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ बैठक की. पूर्वी लद्दाख के घटनाक्रमों पर चर्चा की गई.
भारत-चीन सीमा विवाद अब बड़े तनाव में तब्दील होता जा रहा है। सोमवार रात लद्दाख की गालवन वैली में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इसमें भारत के एक कर्नल और दो जवान शहीद हो गए। जो कर्नल शहीद हुए, वे इन्फैंट्री बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर थे।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत एकतरफा कार्रवाई न करे, नहीं तो मुश्किलें बढ़ेंगी.वहीं, चीन के अखबार द ग्लोबल टाइम्स ने चीन के विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया कि बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच रजामंदी बनी थी, लेकिन भारतीय जवानों ने इसे तोड़ दिया और बॉर्डर क्रॉस की.इसके बाद जवानों ने चीन के सैनिकों पर हमला किया. इसी वजह से हिंसक झड़प हुई.(source:jagran.com)