जमुई, लोक आस्था का महापर्व छठ के चौथे दिन शनिवार की सुबह जिले के अलग-अलग हिस्सों में नदी, तालाबों, नहरों पर बने घाटों पर जाकर व्रतियों ने सूर्य देव को दूसरा अर्घ्य दिया और छठी मैया की पूजा के साथ यह पर्व संपन्न हो गया। छठ पर्व के चौथे एवं अंतिम दिन सुबह ही उगते सूरज को अर्घ्य देने के लिए व्रती और उनके परिजन अपने घरों से पूजा सामग्रियों के साथ घाटों
पर पहुंचे और घुटने तक पानी में खड़े होकर व्रतधारियों ने सूप, बांस की डालिया में मौसमी फल, गन्ना सहित पूजन सामग्री और गाय के दूध से भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया.
इसके बाद छठ व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण किया और इसी के साथ ही व्रत और उपवास का चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व संपन्न हो गया। वही सर्वाधिक भीड़ सोनो प्रखण्ड के स्थित बरनार नदी सोनो के , चुरहेत,बलथर ,डुमरी, औरैया, बुझायत,घाट, पैरामटिहाना का बेलाटाड डेम आदि पर दिखी जहां हजारों श्रद्धालु ने गंदर, बटिया, पंचायत के सभी घाटों पर हजारों पुरुष एवं महिला छठ व्रतियों ने उगते सूरज को अर्घ्य अर्पित कर अपने – अपने पूरे परिवार के मंगलमय जीवन की कामना किया।
इस दौरान कुछ घाटों पर पुलिस प्रशासन मुस्तैद देखे गए। बता दे कि छठ महापर्व बुधवार को नहाय- खाय के साथ शुरू हुआ था. दूसरे दिन खरना का गुड़ की खीर बनाई गई और तीसरे दिन डूबते सूरज को अर्घ्य दिया गया. आखरी दिन शनिवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पर्व संपन्न हो गया।
योगेन्द्र प्रसाद उर्फ कुनदन की रिपोर्ट