सिकंदरा, देशभर में कोरोना का कहर जारी है प्रत्येक दिन कोरोना संक्रमण से लोगों की मौत हो रही है,वही एक तरफ प्रशासन का अमानवीय चेहरा आवाम को आश्चर्य चकित कर रहा है.जमुई के सिकंदरा थाना क्षेत्र में अवस्थित लछुआर ग्राम में विकास रविदास के किराना दुकान पर लॉकडाउन के नियमों के तहत दुकानों को बंद कराने आ धमके सिकंदरा थाना की पुलिस. सिकंदरा थाना में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर लाल बाबू महतो वर्दी की मर्यादा को दरकिनार करते हुए, समय से दो घंटे पूर्व जबरन दुकान बंद कराने को लेकर विक्रेता को गलियों की बौछार करते हुए डंडे से पिट कर बुरी तरह जख़्मी कर दिया.
विक्रेता विकास रविदास ने बताया की मुझे इसलिए पीटा गया क्यों की मैने बस पूछा की सर गांव में 8 बजे से 12 बजे तक किराना दुकान खोला जा सकता है क्या ये गलत है.यही प्रश्न क्या किया मैने, उसका खामियाजा मुझे व मेरे भाई जीतेन्द्र रविदास को बुरी तरह से पीटने का कारण बन गया.
इस मामले की जानकारी मिलते ही सामजिक कार्यकर्त्ता सुमन सौरभ ने वही तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की सूबे की सरकार द्वारा राज्य भर में 5 मई से 15 मई तक लॉकडाउन लगाई गयी थी. उसके पश्चात कोरोना की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन तिथि को बढ़ाकर 15 मई से 25 मई तक किया गया. जिसमें जिला प्रशासन को शक्ति दी गयी की वो समय-समय पर दुकान खुलने अथवा बंद करने करने का स्वय निर्देश जारी करें. उन्होंने आगे बताया की समयानुसार शहरी क्षेत्र में सुबह 6:00 बजे से 10:00 बजे तक एवं ग्रामीण क्षेत्र में 8:00 बजे से 12 बजे तक गाइडलाइन का पालन कराते हुए समय – समय पर दुकानें को खुलने एवं बंद करने का आदेश दिया गया पर ग्राम लछुआर मे प्रशासन ने जो शर्मनाक कृत्य किया है वो आश्चर्य चकित कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि मुझे जो जानकारी मिली है. उसके अनुसार प्रशासन समय से लगभग दो घंटे पूर्व जबरन दुकान बंद करवाना चाह रही थी जो सर्वथा गलत है. प्रशासन को आवाम से मित्रवत व्यवहार रखना चाहिए खैर अब इसकी शिकायत विक्रेता जिला पदाधिकारी व अनुमंडल पदाधिकारी से करेंगे.
वही ग्रामीणों ने भी इसका विरोध किया व पूछने पर बताया कि प्रशासन ने अपने वर्दी का गलत तरीके से रॉब दिखाते हुए ग्रामीण दुकानदार को बेरहमी तरीके से पीटा जिसमें सारी गलती सिकन्दरा प्रशासन का ही है, अगर प्रशासन बोलकर दुकान बंद कराती तो क्या हम ग्रामीण दुकानदार प्रशासन की बातों का अभेलना कभी नहीं करते.