समाजसेवी इंजीनियर आई पी गुप्ता ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 2019 का लोकसभा चुनाव में नहीं लड़ पाया था.मैं निर्दलीय उम्मीदवार बनकर वोट काटने वाला नहीं बनना चाहता था. जब तक सिस्टम का हिस्सा नहीं हम बनेंगे जनसेवा नहीं हो सकेगा. जमुई जिला अनुसूचित क्षेत्र था. मैं एक अच्छा विकल्प बनना चाहता था अगर जनरल होता तो शायद मैं चुनाव नहीं लड़ता. मैं सोसाइटी और समाज में बदलाव लाना चाहता था.मैं महागठबंधन से भी टिकट लेना चाहता था. लेकिन मुझे टिकट नहीं मिला वहां से मुझे धोखा दिया गया. फिर हमारी चिराग पासवान जी से बातें हुई. मेरे पास दो विकल्प थे.मैंने चिराग जी के पार्टी को ज्वाइन किया.
2019 के चुनाव के दौरान श्री राम विलास पासवान, श्री चिराग पासवान से हमारी मीटिंग हुई थी. जिसमें मैंने हाजीपुर का सीट मांगा था.उन्होंने कहा था आप लेट हो गए हैं. फिर मेरी बात बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए 5 सीट देने की हुई थी. जब 5 सीट मुझे पार्टी देगी तो इसलिए मेरा पहले हक बनता है. मैं सिकंदरा सीट से चुनाव लड़ना चाहता हूं. सिकंदरा रिजर्व सीट है. मेरी सांसद चिराग जी से स्पष्ट बात हुई थी,जहां पर जदयू और भाजपा नहीं जीता हुआ है. मैं वहां से चुनाव लड़ूंगा.
पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर, लोजपा अगर आपको सीट नहीं देती है तो आप क्या करेंगे. आई पी गुप्ता ने स्पष्ट कहा अगर लोजपा से टिकट नहीं मिलता है,तो भी मैं चुनाव लड़ूंगा.
अभी लोजपा के तरफ से कोई फैसला नहीं लिया गया है. सिकंदरा से चुनाव लड़ना मेरा निर्णय है. इसके लिए मैं पार्टी से मांग करूंगा.
इसके साथ ही उन्होंने कोरोना वरियर और शासन प्रशासन को धन्यवाद दिया और कहा, जमुई जिला के सभी कोरोना वॉरियर्स, शासन प्रशासन सभी को धन्यवाद. 71 दिन पटना में लॉक डाउन के दौरान रहा. इस दौरान जितने भी बिहारी भाई बाहर फंसे हुए थे उनको हर संभव मदद किया. आई पी गुप्ता ने कहा चीन से कोरोना फैला था. पूरी दुनिया चीन का विरोध करेगा. जिससे वहां की मल्टीनेशनल फैक्ट्री दूसरे देश में आएंगे. हमारे भारत में आबादी ज्यादा है.हमारे देश में पूरी दुनिया की फैक्ट्री बनने की क्षमता है. मैंने माननीय मुख्यमंत्री जी से अपील किया था. यह जो कोरोना काल आया है, इसके पीछे एक अपॉर्चुनिटी चल कर आ रहा है. जब चीन से फैक्ट्रियां विस्थापित होंगी, तो वह भारत आएंगी. आप एक टीम बनाएं और अधिक से अधिक फैक्ट्रियां बिहार लाने की कोशिश करें. इसके साथ ही उन्होंने प्रवासियों के लिए कहा, बिहारी मजदूर नहीं है हमारे बिहारी भाई हैं उसके लिए मैंने पीएमओ से लेकर सभी जगह ट्वीट किया था इन्हें आप प्रवासी मजदूर ना कहें. इन्हें बिहारी भाई कहें.
संवाददाता कुमार शिवाजी की रिपोर्ट जमूई टुडे के लिए