सिकंदरा,रविवार को सिकंदरा के विभिन्न मस्जिदों में अलग-अलग वक्त में ईद उल अजहा यानी बकरीद की नमाज़ शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। इस दौरान सिकंदरा थाना प्रभारी जितेंद्र देव दीपक एवं SSB कोड़ासी गोपाल सिंह अमित कुमार सिंह पंकज कुमार एवं एसएसबी पुलिस के जवानों के द्वारा विभिन्न जगह पर पैनी नज़र रखी गयी थी। बता दें की बकरीद को ईद उल अजहा भी कहते हैं इस पर्व में मुस्लिम समुदाय के लोग बकरे की कुर्बानी देते हैं।
कुर्बानी की परंपरा अल्लाह के सबसे प्यारे पैगंबर हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की याद में मनाया जाता है हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम अल्लाह के सबसे नेक पैगंबर में से एक थे उन्होंने अल्लाह से औलाद के लिए अर्जी की जिसके बाद उन्हें एक औलाद हजरत इस्माइल अलैहिस्सलाम के रूप में हुआ। बाद में अल्लाह ने हजरत इब्राहीम को सपने में सबसे प्यारी चीज को कुर्बान करने को कहा इस पर हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे इस्माइल को अपने साथ जंगल की तरफ ले जा रहे थे। तभी रास्ते में शैतान उनके बेटे को यह कह कर भ्रमित कर रहा था, कि यह तुम्हें अल्लाह की राह में कुर्बान करने के लिए ले जा रहे हैं। इस पर हजरत इस्माइल अलैहिस्सलाम ने कहा कि अगर अल्लाह की यही मर्जी है तो यही सही यह सुनकर शैतान वहां से फरार हो गया।
बता दें कि इसी शैतान को हर साल हज पर पहुंचे हुए मुसलमान सऊदी के मक्का में कंकर भी मारते हैं। जब हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम अपने बेटे इस्माइल को अल्लाह की राह में कुर्बान करने लगे तो उनके बेटे हजरत इस्माइल अलैहिस्सलाम ने कहा की अब्बा जान आप अपनी आंखों पर पट्टी बांध लीजिए क्योंकि मैं आपका प्यारा बेटा हूं, आप हमारी कुर्बानी देख सहन नहीं कर पाएंगे। इस पर हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर अपने बेटे की गर्दन पर जैसे ही छुरी चलाई तभी बिजली की तेजी से अल्लाह के मैसेंजर जिब्रील अलैहिस्सलाम ने बच्चे को हटाकर दुम्बे को रख दिया। आंख खुलने के बाद देखा कि बच्चा खेल रहा है और सामने एक दुंम्बा यानी भेड़ कटा पड़ा है।
मतलब यह था कि अल्लाह ताला हजरत इब्राहिम को आज़मा रहे थे कि वह हमारी याद में सबसे प्यारी चीज कुर्बान कर पाता है कि नहीं। जिसमें वह पूरी तरह से सफल हो गए और उसी दिन से लेकर आज तक पूरी दुनिया के मुसलमान बकरीद के पर्व के दिन भेड़, ऊंट, दुम्बे ,आदि की कुर्बानी करते हैं। जानवर की कुर्बानी करने के बाद उसके मीट ( गोश्त) को तीन हिस्सों में बांटा जाता है ,क्योंकि यह सलाह इस्लामी शरीयत में दी गई है। पहला हिस्सा गरीबों में बांटा जाता है दूसरा हिस्सा रिश्तेदारों के लिए और तीसरा हिस्सा अपने घर के लिए रखा जाता है।
सिकंदरा में भी बकरीद पर्व को लेकर बाजारों में काफी रौनक दिखी
बता दें कि बकरीद पर्व को लेकर सिकंदरा में चार अलग-अलग मस्जिदों में नमाज का वक्त भी अलग-अलग टाइम फिक्स किया गया है जमा मस्जिद,6:45,अनवरी मस्जिद 5:45, बिलाल मस्जिद मुगल टोली 6:00, रजा शाही मस्जिद पठान टोली 6:30, वही सुन्नी उलेमा बोर्ड के सचिव मौलाना जियाउर रसूल गफ्फारी ने कहा कि बकरीद केवल खुद के लिए नहीं है इसमें गरीब यतीम एवं मिस्कीनो का का ख्याल रखना ही सबसे बड़ा पर्व है। वही पर्व को लेकर, सैयद गाजी शाहनवाज, मोहम्मद खालिद बैग, मोहम्मद वसीम खान, मोहम्मद बबलू खान, मोहम्मद एहतेशाम खान, मोहम्मद अंजुम बैग आदि लोगों में हर्ष व्याप्त।
सिकंदरा से प्रवीण कुमार दुबे की रिपोर्ट