बरहट -लोहिया स्वच्छ अभियान एवं स्वच्छ भारत मिशन फेज दो के तहत शहर की तरह गांव की गलियों को स्वच्छ रखने के लिए सरकार लाखों रुपया खर्च कर प्रखंड अंतर्गत के नुमर पंचायत में एक हरा ओर एक नीला डस्टबिन वितरण किया गया।इसके साथ ही पंचायत के सभी वार्डों में कचरा उठाव के लिए दो स्वच्छता ग्राही को भी बहाल किया गया ।इसके साथ कचरा उठाने में उपयोग किए जाने वाले पैडल रिक्शा तथा ई रिक्शा भी उपलब्ध कराया गया ताकि सही से कचरा उठाव हो सके।लेकिन डोर टू डोर कचरा संग्रह करने की योजना में सिर्फ कोरम पुरा किया जा रहा है।जिससे की इन पंचायतों में साफ सफाई की हाल बदहाल है। पंचायत की अधिकांश वार्डो के चौक चौराहा पर कचरा देखने को मिल जाएगा जो लोहिया स्वच्छ अभियान एवं स्वच्छ भारत मिशन फेज दो के तहत साफ सफाई के दावों की पोल खोलते नजर आ रही है।
महिलाएं डस्टबिन को घरेलू कार्य में कर रहे हैं उपयोग।
कचरा उठाव के लिए दी गई डस्टबिन को महिलाएं घरेलू कार्य उपयोग कर रही है। कई महिलाओं को तो शौचालय व चापाकल से पानी लाने में उपयोग कर रहे। नुमर पंचायत वार्ड नं 03 के निवासी संजू देवी, निर्मला देवी, सीता देवी ,बविता देवी, जनकवा देवी आदि ने बताया की सरकार हम लोगों को डस्टबिन तो दे दिया लेकिन कचरा लेने के लिए कोई आता ही नहीं है। घर में ऐसे ही डस्टबिन रखे रहने से किया फायदा।बता दे कि कचरा संग्रह के तमाम प्रबंध के बाद भी गांव की गलियों को सड़क किनारे कचरा कहां से जमा हो जाती है इसकी खोज खबर लेने वाली कोई नहीं।
स्वच्छ पंचायत मॉडल किया गया घोषित।
स्वच्छता मानकों के मुताबिक पंचायत के अधिकांश वार्डो से गिला ओर सूखा कचरा एकत्रित नहीं हो पा रहा है। जिससे कि वार्ड के गलियों में कचरा जमा हुआ है। वार्ड संख्या 4 के वार्ड सदस्य संतोष कुमार दास ने बताया कि करीब 9 माह पूर्व मेरे वार्ड के लोगों को एक हरा एक नीला डस्टबिन दिया गया था। महीने में दो चार दिन ही कचरा उठाया गया उसके बाद से बंद है।इसके बावजूद भी पंचायत को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने वाले जिम्मेवार लोग मानकों के विपरीत मुखिया व वार्ड सदस्यों के साथ बैठक कर पंचायत को स्वच्छ मॉडल घोषित कर दिया गया है।
अभियान को सफल बनाने में जनप्रतिनिधियों को नहीं मिल रहा सहयोग।
नुमर पंचायत के स्वच्छता कोऑर्डिनेटर प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि गांव को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों को भी जिम्मेवारी दी गई है। उन्हें लोगों को जागरूक करने के लिए भी कहा गया था लेकिन पंचायत के जनप्रतिनिधियों के द्वारा सहयोग नहीं मिलने से कार्य करने में थोड़ा रुकावटें आ रही हैं।
कहते हैं पदाधिकारी।
इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी चंदन कुमार से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया की लोहिया स्वच्छ अभियान एवं स्वच्छ भारत मिशन फेज दो के तहत नुमर पंचायत को स्वच्छ मॉडल घोषित किया गया है। पंचायत में नित दिन स्वच्छता कर्मियों के द्वारा ठेला चलाया जा रहा है। इसके बावजूद भी चौक चौराहा पर कचरा जमा है तो इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।
बरहट से शशिलाल की रिपोर्ट।