लगातार पिछले दो दिन रुक रुककर हुई बारिश से सिकन्दरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर तालाब का रूप ले लिया। अस्पताल के चारों ओर बारिश का पानी ही पानी है।जिसके कारण स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा ईलाज कराने आये रोगियों को गन्दे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है।प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा सारी हदें पार कर चुकी है।कई बार इस खबर को प्रमुखता से उठाया गया है फिर भी विभाग की उदासीनता बरकार है। बारिश के पानी का निकासी नहीं किये जाने से हल्की सी बारिश में ही अस्पताल परिसर तालाब बन जाता है।गन्दे पानी के जमा हो जाने से अन्य रोगों के फैलने की आशंका सदैव बनी रहती है।अपने सौ वर्ष के अतीत की यादों को सहेजती यह अस्पताल का प्राचीन इतिहास प्रासंगिक है।बावजूद यह अस्पताल किसी उद्धारक की वाट जोहने पर आज भी मजबूर है।वैसे तो अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों के रहने के लिए बना क्वार्टर भी मरम्मत के आभाव में भूत बंगला सा दिखता है।एकाध क्वार्टर में ही कर्मी रहते हैं।वह भी जर्जर है,हल्की सी बारिश में क्वार्टर के छत से पानी टपकना शुरू हो जाता है।स्वास्थ्य कर्मी पूरी रात जग कर बिताने को मजबूर हो जाते हैं।
कहते है
अस्पताल में पानी निकासी को लेकर समुचित नाले की व्यवस्था नहीं होने से हल्की बारिश में तालाब का रूप ले लेता है।इसके लिए विभाग को अवगत कराया जा चुका है।
डा.खुश्तर आजमी,प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सिकन्दरा