जमुई पुलिस लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाकर नक्सलियों की कमर तोड़ने में लगी हुई है. पुलिस द्वारा मंगलवार को अभियान चलाकर नक्सलियों द्वारा छुपाए गए भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया था. नक्सलियों पर लगातार कार्रवाई के बावजूद भी नक्सलियों द्वारा लोगों के बीच अपना भय कायम करने के लिए अपनी मौजूदगी का एहसास कराया है. नक्सलियों द्वारा जमुई जिले के गिद्धौर रेलवे स्टेशन परिसर में एक पोस्टर चिपकाया गया है. चिपकाए पोस्टर में लाल सलाम लिख कर आगे आरपीएफ ठेकेदारों को धमकी देते हुए लिखा गया है कि ‘लाल सलाम, आरपीएफ के ठीकेदारों द्वारा जो हो रहा है। उसके बाद अब गोली खाने को तैयार रहो। झाझा जैसा हाल किया जाएगा।’
पोस्टर में आगे शराब बिक्री को लेकर लिखा गया है कि आरपीएफ के ठेकेदार लोग पांच से छह लड़कों का ग्रुप बनाए हुए हैं, आरोप है कि शराब की बिक्री भी इन्हीं के सानिध्य में होती है. इसके एवज में तस्करों से पैसा लिया जाता है. रंगबाजी कर स्टेशन में शराब उतार ली जाती है. क्या गरीब लोगों का हक नहीं है कि वे शराब की बिक्री कर सकें? पोस्टर में आगे कहा गया कि इन ठीकेदारों को तत्काल यहां से भगा दिया जाए नहीं तो अंजाम अच्छा नहीं होगा.गोली चलेंगी, गोली. हाल झाझा स्टेशन जैसा होगा। लाल सलाम। गोली खाने के लिए तैयार रहो.
हालांकि जमुई जिले में इस तरह की नक्सलियों द्वारा पोस्टर लगाना आम बात है. इससे पहले भी कई दफा जमुई से अलग-अलग थाना क्षेत्र में भी इस तरह के नक्सलियों द्वारा चिपकाए गए पोस्टर मिले हैं. नक्सलियों जमुई जिला के रेलवे स्टेशन को अपना निशाना पहले भी बना चुके हैं. साल 2009 में झाझा में नक्सलियों ने रेलवे स्टेशन पर बड़ी घटना को अंजाम दिया था जिसमें चार पुलिसकर्मी सहित एक पार्सल कर्मचारी की मौत हो गई थी.
इस मामले में झाझा जीआरपी थाना एसएचओ अनिल कुमार ने बताया कि नक्सलियों के द्वारा पोस्टर नहीं चिपकाया गया है. किसी असामाजिक तत्वों के द्वारा यह काम किया गया है. जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है. पोस्टर चिपकाने के मामले में उन्होंने बताया कि गिद्धौर रेलवे स्टेशन सुरक्षा बल के पास पोस्टर चिपका मिला है. इधर इस घटना के बाद से गिद्धौर रेलवे स्टेशन पर मौजूद और आसपास के इलाके के लोगों के बीच दहशत का माहौल व्याप्त है.
कुमार नेहरू की रिपोर्ट