आज ही के दिन स्वतंत्रता सेनानी व जननायक बिरसा मुंडा ने अपनी अंतिम सांस ली थी. अंग्रज़ों को लोहे के चने चबवाने वाले बिरसा की 09 जून, 1900 को महज़ 25 साल की उम्र में रहस्यमयी तरीके से रांची जेल में मौत हो गई थी.
बिरसा मुंडा का जन्म 1875 के दशक में छोटा नागपुर में मुंडा परिवार में हुआ था। मुंडा एक जनजातीय समूह था जो छोटा नागपुर पठार में निवास करते था। बिरसा जी को 1900 में आदिवासी लोगो को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया तथा उन्हें 2 साल की सजा दी गई थी ।
उन्हें साल 1900 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए गिरफ्तार किया गया और रहस्यमयी परिस्थितियों में रांची जेल के भीतर उनकी मौत हो गई.
वे साल 1897 से 1900 के बीच अंग्रेजों के खिलाफ गोरिल्ला युद्ध लड़ते रहे. अंग्रेजों ने उन पर उस दौर में 500 रुपये की इनामी धनराशि रखी थी. उन्हें युवा छात्र के तौर पर जर्मन मिशन स्कूल में दाखिला दिया गया था और इसी वजह से उनका नाम डेविड पड़ा.
बिरसा मुंडा को भारतीय समाज एक ऐसे नायक के तौर पर जानता है जिसने सीमित संसाधनों के बावजूद अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उलगुलान की शुरुआत करने वाले ये वो शख्स थे जो जननायक के तौर पर इतिहास में दर्ज हो गए. बिरसा मुंडा से अंग्रेजी हुकूमत खार खाती थी. उन्हें गिरफ्त में लेकर 2 साल के लिए जेल में डाल दिया गया. उन्होंने अपनी अंतिम सांस साल 1900 में 9 जून की तारीख को ली.
आदिवासी समाज में सामाजिक व राजनीतिक चिंतन की नींव रखने वाले महान क्रांतिकारी श्री बिरसा मुण्डा को उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर विनम्र पुष्पांजलि अर्पित करता हूं। वे आदिवासी अस्मिता व अधिकारों के सजग प्रहरी थे।#BirsaMunda pic.twitter.com/GKNJ1nyzCo
— Om Birla (@ombirlakota) June 9, 2020
यह भगवान बिरसा का उलगुलान ही है जो हर दिन, हर घड़ी हमें अपने अधिकारों की रक्षा करने की शक्ति देता है।
यह धरती आबा का अबुआ दिशोम अबुआ राज ही है जो झारखण्डवासियों को अपने सम्मान के लिए प्रेरित करता रहता है।
आज उन्हीं धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी की शहादत दिवस पर शत-शत नमन। pic.twitter.com/adyTgMeS8H
— Hemant Soren (घर में रहें – सुरक्षित रहें) (@HemantSorenJMM) June 9, 2020
महान स्वतंत्रता सेनानी जननायक परम पूज्य “बिरसा मुंडा" जी की पुण्यतिथि पर शत् शत् नमन्। #BirsaMunda pic.twitter.com/aAo2v17VzC
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 9, 2020
25 वर्ष से भी कम उम्र में देश के स्वातंत्र्य समर को एक नई ज्वाला दे कर उसमें स्वयं समिधा हो जाने वाले तेजस्वी, चतुर, शूरवीर योद्धा भगवान बिरसा मुंडा जी के बलिदान दिवस पर उन्हें सादर नमन 🙏🇮🇳 pic.twitter.com/Z0SVga8O6S
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) June 9, 2020