जमुई, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर पूरे देश बंद को सफल बनाने के लिए आज जमूई जिले के कचहरी चौक पर हजारों की संख्या में किसान मजदूर के साथ-साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता उपस्थित होकर ऐतिहासिक भारत बंद का समर्थन किया. जमूई जिले के सभी दुकाने किसानों के समर्थन और मोदी के जन विरोधी नीतियों के खिलाफ भारत बंद में बंद रहा. बंद का नेतृत्व कर रहे भाकपा माले के जिला सचिव कामरेड शंभू शरण सिंह सीपीआई के जिला सचिव नवल किशोर सिंह, आरजेडी के जिला अध्यक्ष सरजू यादव, प्रदेश महासचिव डॉ त्रिवेणी यादव, पूर्व प्रदेश महासचिव गोपाल गुप्ता सीपीआई के गजाधर रजक, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हरेंद्र सिंह, धर्मेंद्र मुखिया, सीपीएम के नागेश्वर यादव नरेश जी जयराम तुरी, सुभाष सिंह प्रवीन पांडे के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग कचहरी चौक पर उपस्थित थे.
सभा की अध्यक्षता करते हुए आइसा के प्रदेश उपाध्यक्ष बाबू साहब ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संसद के भीतर बिना बहस कराए गैर लोकतांत्रिक तरीके पूंजीपतियों को मुनाफा दिलाने के लिए 3 किसान विरोधी काला कानून लाया है,जो पूरी तरह किसान विरोधी है.सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिव सागर शर्मा ने कहा कि जब तक सरकार यह किसान विरोधी तीनों काले कानून को वापस नहीं लेगा तो मोदी सरकार को सत्ता से जाना होगा.आगे उन्होंने कहा की इस कानून में निजी क्षेत्र के कंपनियों को फसलों को खरीदने का पूरा अधिकार है. इसमें सरकार पूंजीपतियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए बाध्य भी नहीं कर सकती है दरअसल सरकार की मंशा है,कि वह कृषि बाजार को पूरी तौर पर कारपोरेट के हवाले कर दे.जबकि देश की अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए किसानों और नागरिकों के लिए यह जरूरी था कि सरकार फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए कानून बनाती और फसलों की खरीद और भुगतान की गारंटी करती.
ज्ञातव्य है कि किसान लम्बे समय से स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार फसलों के लागत मूल्यों के डेढ़ गुना ज्यादा दाम पर भुगतान करने की मांग कर रहे है।
मुकेश कुमार पासवान की रिपोर्ट