सिकंदरा में यूरिया सहित अन्य खादों की किल्लत से परेशान सभी सिकंदरा क्षेत्र के किसानों ने शनिवार को सिकंदरा मुख्य चौक पर चक्काजाम कर प्रदर्शन किया. हालांकि इस दौरान वाहनों की लंबी लंबी कतार लग गयी. क्योंकि मुख्य चौक जाम होने से सिकंदरा से चार जिला सहित राजधानी जाने वाले सभी गाड़ियां जाम में फंसे रहे. वहीं कई किलोमीटर तक चारों रोड में मैं गाड़ियों की कतारें लग गई. जाम कर रहे किसानों ने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है. शासन और प्रशासन से केवल आश्वासन ही मिल पा रहा है. विडंबना है कि खेती किसानी के सीजन में भी किसानों को काम छोड़कर कड़ी धूप में अपने अधिकार के लिए प्रदर्शन करना पड़ रहा है. पहली बार किसानों की हित वाली सरकार में भी खाद की समस्या हो रही है.
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जबकि अभी मुख्य रूप से धान की फसल की रोपाई के बाद यूरिया का छिड़काव बेहद आवश्यक है. इसे लेकर ही बड़ी संख्या में सिकंदरा ब्लॉक के किसान एकत्रित हुए और बीच चौक पर बैठ गए. भरी दोपहर तक किसानों का प्रदर्शन चला. इस दौरान किसानों ने राज्य सरकार और उनके अधिकारियों को जमकर कोसा. जाम को हटाने पहँचे सिकंदरा थाना प्रभारी जितेन्द्र देव दीपक ने किसानों को काफी समझाया किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सवाल जवाब किए. इस पर मुख्य रूप से अधिकारी केवल आश्वासन देते नजर आए.
इस पर किसानों ने जिला प्रशासन को समस्याओं के समाधान के लिए कहा और यदि इस दौरान भी समस्याओं का समाधान नहीं होता तो किसान उग्र आंदोलन करेंगे. खाद की कमी कारण प्रदर्शन के दौरान इनकी मांग पर विभाग के कोई अधिकारी नही पहुँचे. वही बिस्कोमान के अधिकारी से बात करने पर कहा कि हमारे गोदाम में मात्र 700 बैग खाद्य उपलब्ध है, परंतु किसानों की सांख्य 2000 है,ऐसे में किसान उग्र हो जाते है. उन्होंने खाद की कमी को लेकर कहा कि जिले में अधिकारियों से बात किया जा रहा है किसानों ने कहा कि खाद की सहकारी समितियों में काफी कमी है मुख्य रूप से यूरिया की, लेकिन निजी दुकानों में पर्याप्त मात्रा में है. किसानों खाद की कालाबाजारी होने की आशंका जाहिर की. किसानों की मांग जिले में यूरिया सहित अन्य खादों की आपूर्ति किसानों की वर्तमान मांग को देखते हुए शीघ्र ही जिले के समस्त समितियों में किया जाए. साथ ही निजी दुकानों में शासकीय मूल्य पर खाद की बिक्री सुनिश्चित किया जाए.
प्रवीण कुमार दुबे की रिपोर्ट