जमुई जिला के सिकंदरा थाना में कांड संख्या 145/21 के आरोपियों को पकड़ने में पुलिस द्वारा अनोखा खेल खेला गया. मध निषेध अधिनियम के तहत दर्ज मामले के एक आरोपी को ALTF की टीम द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर पकड़ा गया. आरोपी के पकड़े जाने के चंद घंटों बाद ही सिकंदरा पुलिस द्वारा रात के अंधेरे में आरोपी को छोड़ दिया गया.
सिकंदरा थाना क्षेत्र के कुमार गांव में 10 माह पूर्व पुलिस द्वारा शराब कारोबारी पर कार्रवाई की गई थी, जिसमें पुलिस ने भारी मात्रा में शराब जप्त किया था. जिसका सिकंदरा थाने में कांड संख्या 145/21 दर्ज किया गया था. उस कांड का आरोपी राजीव उर्फ राजकमल फरार चल रहा था. जिसको ALTF टीम द्वारा बीते 8 अप्रैल को गुप्त सूचना पर गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के चंद घंटों बाद ही सिकंदरा पुलिस द्वारा रात के अंधेरे में राजकमल को छोड़ दिया गया था. पुलिस अधीक्षक जमुई द्वारा पत्रांक संख्या 222, दिनांक 19 फरवरी 2022 द्वारा पुलिस महानिरीक्षक( मध निषेध) को लंबित कांडों के दिए गए सूची में इस कांड का एवं अभियुक्त की गिरफ्तारी को लेकर भी जिक्र किया गया था. जिसमें इस कांड के अभियुक्त की गिरफ्तारी के बारे में बताया गया था.
फिर आखिर क्यों सिकंदरा पुलिस द्वारा अभियुक्त को गिरफ्तार कर रात के अंधेरे में छोड़ा गया. इसके बाद यह मामला डीजीपी स्तर पर चला गया उसके बाद आनन-फानन में सिकंदरा पुलिस द्वारा एक बार फिर राजीव उर्फ राजकमल को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. इससे सवाल यह पैदा होता है कि आखिर मध निषेध अधिनियम के तहत इस कांड में कार्रवाई करने में पुलिस द्वारा क्यों लापरवाही बरती गई है. इस कांड के जांच प्रतिवेदन को तत्कालीन सर्किल इंस्पेक्टर द्वारा उसी दिन पूर्ण किया गया था, जिस दिन तत्कालीन सर्किल इंस्पेक्टर का ट्रांसफर हुआ था. कहीं ना कहीं इस मामले की जांच में शुरू से ही पुलिस द्वारा लापरवाही बरते जाने की अंदेशा से इनकार नहीं किया जा सकता है.
कुमार नेहरु की रिपोर्ट