अलीगंज प्रखंड क्षेत्र के अलीगंज, दरखा, सहोड़ा,दिननगर, दांढ़, चंद्रदीप, आढा, कैथा, तेलार, मतबलवा, जखड़ा, सहित दर्जनों मुस्लिम गांव में बकरीद पर्व धूमधाम से मनाया गया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बकरीद पर्व पर एकसाथ हजारों हाथ उठा कर अमन और चैन की दुआएं मांगी। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नमाज अदा कर देश-प्रदेश में अमन-चैन और भाईचारे की सलामती के लिए मांगी दुआएं। ईदगाह एवं मस्जिदों में नमाज अदा की गई।
इस दौरान मुस्लिम भाइयों ने एक-दूसरे को गले लगा कर ईद की मुबारकबाद दी। ।उसके बाद सभी अपने अपने घरों में बकरे की कुर्बानी दी,इस मौके पर अलीगंज मस्जिद के इमाम मोहम्मद मोबीन ने कहा कि ईद-उल-जुहा का त्योहार कुर्बानी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। कहा कि पैगंबर हजरत इब्राहिम ने अल्लाह के हुकूम पर अपने इकलौते बेटे की कुर्बानी देने को कहा ,खुदा ने इब्राहिम से उसका इम्तहान लेरहा था,जब इब्राहिम ने अपने बेटे को लिटाकर आंख में काला पट्टी बांध कर गर्दन पर छुरी चलाकर कुर्बानी कर दी इसके बाद हजरत इब्राहिम ने आंख की पट्टी खोली तो बेटे की जगह एक दुमबा बकरा पे छुरी चला और कुर्बानी हो गाया, उनका बेटा सामने खड़ा था ।
इसी घटना से इस त्योहार को मनाने का प्रचलन शुरू हुआ। मोहम्मद सहनावज एवं मुमताज ने कहा कि ईद का दिन खुदा के साथ बंदों के रिश्तों को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि ईद का पर्व टूटे रिश्तों को जोड़ता है। इंसानों के रिश्तों को खुदा के साथ मजबूत करता है। इस मौके पर सभी मुस्लिम समुदाय के लोग विश्व शांति, आपसी सद्भावना कायम रखते हुए देश की खुशहाली के लिए दुआएं मांगी गईं। मौके पर मो इम्तियाज, मो शाहिद, मो सद्दाम, औरंजेब, नेहाल, सादिक, जसीम, आदिल, मुन्नू, रौशन, डबलू, साहेबजान, वसीम, लाडला, राजा, हमीद, असलम, सोनू, पप्पू, इरफान, नौशाद सहित सैकड़ों लोग मजूद थे।
अलीगंज से मुमताज की रिपोर्ट