अपने हौसले और जज्बे के साथ अनीशा सितंबर 2022 में माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप तक पहुंचकर जिले का नाम रोशन किया था। माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर पहुंचना भी बहुत बड़ी चुनौती माना जाता है।
अनीशा दुबे के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था। वो कठिन परिस्थितियों से लड़ते हुए बिना हार माने जमुई और देश का नाम रोशन कर रही है।
अनीशा की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है, पिता के गुजरने के बाद वह अपने मां के साथ रहती है। पर्वतारोहण के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए वह स्पॉन्सर की तलाश कर रही है।