आज देशभर में ईद बड़े उल्लास के साथ मनाया जा रहा है.ईद यानी ईद-उल-फितर. इस्लाम धर्म में पवित्र रमजान के पूरे महीने रोजे अर्थात् उपवास रखने के बाद नया चांद देखने के अवसर पर ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है. यह रोजा तोड़ने के त्योहार के रूप में भी लोकप्रिय है. यह त्योहार रमजान के अंत और शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है जिसे आपसी प्रेम व भाईचारे को बढ़ाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. ईद की सुबह ईदगाह में नमाज पढ़ी जाती है.इसके बाद एक दूसरे के गले मिल लोग ईद मुबारक बोलते हैं.लोग एक दूसरे के घर जाकर मिलते हैं, जिससे उनके बीच अमन और शांति के साथ भाईचारे का भी रिश्ता और गाढ़ा होता है.इस्लाम के इस पाक दिन दीन-दुखियों को दान करने की भी परंपरा है.
समाजसेवी जावेद खान ने कहा रमजान के पाक महीने में अल्लाह के मोमिन बंदे उनकी इबादत करते हैं रोजा रख तथा कुरान की तिलावत करके आत्मा को शुद्ध करते हैं जिसका अज् या मजदूरी मिलने का दिन ही ईद काहलाता है. ईद के दिन पूरी दुनिया के मुसलमान उत्सव के रूप में मनाते हैं.