सिकंदरा,आपके पास अधिक है तो यहां पर दें जाये और नहीं है तो निःशुल्क यहां से लें जाऐ. कुछ इसी सोच के साथ प्रबोध जन सेवा संस्थान द्वारा विगत 7 दिनों से इंसानियत की दीवार के नाम से कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम में जरूरतमंद लोगों को निशुल्क ठंड में वस्त्र उपलब्ध कराना संस्था का उद्देश्य है.
महावीर की भूमि जमुई जिले के लछुआर ग्राम में “नेकी कर दरिया में डाल” कहावत बखूबी चरितार्थ हो रहा है.प्रबोध जन सेवा संस्थान (मानव रक्षक रक्तदाता परिवार/मेडिको मित्र) के सहयोग से लछुआर ग्राम में सात दिन से लगातार संचालित हो रहे “इंसानियत की दीवार” जिले भर के लोगों के द्वारा काफी सराहा जा रहा है व जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है.विशेष जानकारी लिए जब संस्थान जुड़े सुमन सौरभ से बात हुई तो उन्होंने बताया की “इंसानियत की दीवार” का उद्देश्य बिलकुल साफ है जिनके पास सम्बंधित अनुपयोगी वस्तु है,वो किसी जरुरतमंद को उपयोग के लिए दान करें.
उन्होंने आगे बताया हमारे सहयोगियों की सोच ग्रामीण क्षेत्र से इंसानियत की दीवार की शुरुआत करने को लेकर थी. क्यों की हमारा यह मानना है शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा जरूरतमंद बहुत ही कम होते है.इसलिए इसे ग्रामीण क्षेत्र से शुरू करने को लेकर हमारी सोच रही है और हर संभव प्रयास होता है. गरीब जरुरतमंद की भावना किसी भी प्रकार से आहत ना हो इसलिए हमारे सहयोगी स्थल पे खुद मौजूद रहते है और उनके पसंद के कपडे व अन्य वस्तु उपलब्ध करवाने में सहयोग करते है.
जानकारी के लिए बता दूँ वो कपड़ा साफ ही नहीं बल्कि प्रेस किया हुआ व पैकिंग किया हुआ होता है जिससे की जरुरतमंद को बेहतर महसूस हो उनकी भावना आहत ना हो.इस नेक पहल की खास बात यह रही की इस दीवार के लिए कपड़ा व अन्य वस्तुओं के लिए दाता से पत्र के माध्यम से अनुरोध किया जाता है जो एक अनोखा व अनुकरणीय पहल है.
कुमार नेहरू की रिपोर्ट