बरहट – सुवे की सरकार शिक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए जी जोर से लगे हुए हैं। इसके लिए हर एक दिन नई -नई गाइडलाइन जारी कर रहे है। जिससे कि शिक्षा विभाग में हड़ कंप मचा हुआ है। किंतु इसका प्रभाव आंगनबाड़ी केंद्रों पर देखने को नहीं मिल रहा है। दरअसल बरहट प्रखंड अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों की उपस्थिति संतोषजनक नहीं है। अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों पर 10 से 15 बच्चे की उपस्थिति देखे जा रहे हैं। जबकि आंगनबाड़ी केंद्र पर 20 से 40 बच्चे नामांकित रहते हैं। वहीं एक महीना पहले स्कूल ड्रेस कि पैसे वितरण की गई। जो बेकार साबित होते नजर आ रही है।
अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र पर खाली पैर में बच्चे टी शर्ट, हाफ पैंट, सेंडो गंजी, पेंट शर्ट, फ्रॉक में केंद्र आ रहे हैं। स्कूल ड्रेस की राशि वितरण कर दिए जाने के बाद भी बच्चे मन मुताबिक कपड़े पहन कर केंद्र पर आ रहे हैं। जबकि बच्चे को रोजाना ड्रेस में आनी चाहिए। वहीं इन सब के बीच जिम्मेदार लोग मौन धारण कर बैठे हैं। जिससे कि आंगनबाड़ी केंद्र को लेकर किए जा रहे बड़े बड़े पोषण शिक्षा संबंधित विकास की दावे पोल खोल रही है। बताते चलें कि प्रखंड परियोजना में 106 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत है। जिमसें की 105 संचालित हो रही है।इन आंगनबाड़ी केंद्रों की सही तरीके से संचालन हो इसके लिए विभाग ने 3 सुपरवाइजर को नियुक्ति किया है। जो हर एक महीना प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों की विजिट के दौरान केंद्र संचालन संबंधित पाए गए वस्तु स्थिति की रिपोर्ट वरीय पदाधिकारी को सौंपते है। इसके बावजूद भी आंगनबाड़ी केंद्रों पर खाली पैर व रंग बिरंगे कपड़े में शिक्षा ग्रहण करने आ रहे हैं। जो इन पदाधिकारी को कार्यशाली पर सवाल उठा रहे हैं।
इस संबंध में प्रखंड बाल विकास परियोजना पदाधिकारी संजू कुमारी से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा की सभी आंगनवाड़ी केंद्र पर स्कूल ड्रेस की राशि वितरण कर दी गई है। इसके बावजूद भी अगर बच्चे ड्रेस में केंद्र नहीं आते हैं तो जांच कर कार्यवाही की जाएगी।
बरहट से शशिलाल की रिपोर्ट