भट्टा गांव में चापाकल बोरिंग के दौरान निकला कोयला का अंश
गांव के लोग जलावन के लिए बनाने लगे छोटे-छोटे गुल
जमुई, जिले के जमीन के अंदर खनिज संपदाओं का अकूत भंडार है। जिले के करमटिया में सोना पाए जाने की बात हमेशा चर्चा में रही है उसके बाद जिले के सिकंदरा प्रखंड के मंजूस में लौह अयस्क मिला है। उसके बाद अब बरहट प्रखंड अंतर्गत पांडो पंचायत के वार्ड नंबर 2 आदिवासी टोला भट्ठा गांव में चापाकल बोरिंग के दौरान कोयला निकले की बात सामने आई है। बताया जाता है की रविवार को पीएचडी विभाग के द्वारा भट्टा गांव के लोगों को पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बोरिंग किया जा रहा था। तभी बोरिंग के दौरान बोरवेल से मिट्टी पानी के साथ काला-काला कोयले जैसे पत्थर का अंस बाहर निकलने लगा। जिसके बाद गांव के लोगों में जमीन से कोयला निकालने की बात फैल गई। गांव की महिलाएं चूल्हे में जलावन के रूप में उपयोग करने के लिए बोरिंग से निकले कोयले के अंश का छोटा-छोटा गुल बनाने लगी। बोरिंग से निकले कोयले के अंश को जलाने के बाद वह बिल्कुल हुबहू कोयले जैसा जल रहा था।
ग्रामीण प्रमोद चौधरी ने बताया की बोरिंग के दौरान 50 फीट दूरी के बाद कोयला की अंश निकला है। प्रमोद चौधरी की माने तो बोरिंग से निकलने बाली अंश के छोटे-छोटे टुकड़े को जब आग में डालकर जलाया गया तो वह कोयले की तरह ही जलने लगा और जलकर राख भी हो गया था। वहीं ग्रामीण सहदेव मुर्मु की माने तो बर्ष 1980 – 86 में भी गांव में एक बोरिंग हुआ था। उस समय भी वहां पर इसी तरह कोयला की अंश निकला था। लेकिन विभाग के द्वारा कोई भी जांच नहीं की गई थी। जब यहां फिर बोरिंग के दौरान कोयला की अंश निकला तो हम लोग उसे आग में देकर देखा तो वह कोयला जैसे ही जल रहा है। वही ग्रामीणों का मानना है की बोरबेल से कोयला ही निकल रहा है।
बरहाल जो भी हो या जांच के विषय है। इस मामले की जानकारी जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह को हुई तो उन्होंने कहा की जमुई जिला खनिज संपदा के दृष्टि से समृद्ध है। जिले में विभिन्न स्थलों पर खनिज पदार्थ प्राप्त होते रहे हैं। कोयले निकलने की बात की जांच कर खान एवं भूतत्व विभाग को सूचित कराया जाएगा।
कुमार नेहरू के साथ शशि लाल की रिपोर्ट