वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर किया वायरल
Jamui -बरहट प्रखंड का चिकित्सकीय सुविधा का हाल बदहाल है।आलम यह की यहां इलाज के लिए आये एक घायल व्यक्ति डेढ़ घंटे तक दर्द से कराहते रहा पर उसे दर्द की दवा देने वाला अस्पताल में कोई नहीं मिला ।अंत में वे थक हार कर ऊपर वाले भगवान से वीडियो बनाकर दुआ मांगने लगा। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो वायरल होने के बाद सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोल कर रख दी।
दरअसल बरहट थाना क्षेत्र के भरकहुआ गांव में जमीन विवाद को लेकर मंगलवार की सुबह दो पक्षों में मारपीट हो गई। इस मारपीट में एक पक्ष से सुबोध यादव पिता धाथुरी यादव तथा दूसरे पक्ष से श्रवण कुमार समेत पत्नी रविता देवी घायल हो गई थी। वहीं इस विवाद में सुबोध यादव का उंगली कट गया और वे लहू लुहान की अवस्था में दर्द से कराहते हुए इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरहट पहुंचा। जहां डॉक्टर के साथ स्वास्थ्य कर्मी नहीं रहने के चलते तकरीबन डेढ़ घंटे तक दर्द से कराहते रहा। काफी देर तक ईधर उधर भटकने के बावजूद भी उसे कोई स्वास्थ कर्मी इलाज करने नहीं आया।
इस दौरान अस्पताल के सभी के स्वास्थ्य कर्मी गायव थे। घायल सुबोध ने लहूलुहान की अवस्था में अस्पताल के अंदर और बाहर का वीडियो बनाकर कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वायरल वीडियो अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रही है। हालांकि वायरल वीडियो का जमुई टुडे पुष्टि नहीं करती है।
वीडियो में देखा जा सकता है रहा कि अस्पताल के अंदर सभी कमरों में ताला लटका हुआ है। अस्पताल में पुरी तरह सन्नाटा दिखाई दे रहा है। वहीं वीडियो में सुबोध दर्द से कराहते हुए कह रहा है की यहां यहाँ अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं है,मैं कई बार आवाज लगा चुका हूं। पूरा अस्पताल खाली है, रजिस्टर मेज पर पड़ा है और कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति मौजूद नहीं है। इस दौरान घायल डेढ़ घंटे तक अस्पताल के बाहर तड़पते रहे लेकिन इलाज के लिए ना तो कोई डॉक्टर आया ना ही कोई स्वास्थ्य कर्मी। अंत में वह तक हारकर निजी क्लीनिक के और रुख कर गए।
वहीं इस लचर स्वास्थ्य सुविधा को लेकर जब स्वास्थ्य प्रबंधक जूही अलका से बातचीत करने की कोशिश की गई तो उन्होंने सुबह की 9:30 बजे तक फोन उठाना मुनासिब नहीं समझे। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपने कार्य के प्रति कितने गंभीर रहते होंगे।
रात्रि 10:00 के बाद गायब हो जाते हैं स्वास्थ्य कर्मी
इस घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यहां डॉक्टरों की अनुपस्थिति और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी आम बात बन गई है। कई बार मरीजों को इलाज के अभाव में निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है। रात्रि 10:00 बजे के बाद अस्पताल पूरी तरह से सुनसान हो जाता है। ड्यूटी में तैनात कोई भी स्वास्थ्य कर्मी नजर नहीं आते हैं। गर्भवती महिलाएं जब भी प्रसव कराने के लिए अस्पताल आते हैं तो उन्हें उप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मलयपुर भेज दिया जाता है। जिसका जीता जागता उदाहरण मंगलवार की सुबह देखने को मिल गया। रोस्टर के अनुसार अगर ड्यूटी में तैनात डॉक्टर य स्वास्थ्य कर्मी रहते तो डेढ़ घंटे तक घायल सुबोध को इलाज के लिए तड़पना नहीं पड़ता।
ग्रामीणों ने स्वास्थ्य सेवाओं खिलवाड़ करने वाले ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्य कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। इस संबंध में प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.विवेक कुमार सिंह ने कहा कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर कवींद्र कुमार अपनी शिफ्ट खत्म होने से पहले अस्पताल छोड़कर चले गए थे। डॉ.विवेक ने कहा इस मामले में संबंधित डॉक्टर से स्पष्टीकरण की मांग की जायगी। जांचों उपरांत जो भी दोषी होंगे उनके ऊपर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
बरहट से शशिलाल की रिपोर्ट
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