बरहट -प्रखंड क्षेत्र में सूखे की साया मंडराने लगी है। बारिश नहीं होने के कारण किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं की बर्षा कब होगी की अपने खेतों की जूताई कर धान लगा सकें । नित्य इसी आशा के साथ किसान अपने खेतों में जाकर धान का बिचडा निहार रहे हैं। किसान पिछले साल की तुलना में इस साल अच्छी उपज होने की आस लगाकर धान की बिछड़ डाले थे ,लेकिन बारिश नहीं होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। अधिक तेज धूप होने के कारण विचड़ा झुलस कर पीले होते जा रहे हैं। पीला होते देख किसानों में मायूसी छा गई है। किसान सुबह शाम आसमान की ओर निहार रहें हैं कि कब बारिश होगी। किसान ललन सिंह ,कारू यादव,सुनील कुमार, अरुण सिंह, धर्मेंद्र कुमार सिंह,अनिल यादव नवलकिशोर यादव कहते हैं कि मौसम की शुरुआत में अच्छी खासी बारिश हुई थी जिसे देख कर महंगे दर पर धान की बीज खरीद कर अच्छी उपज के लिए बुआई किये थे। बारिश नहीं होने के कारण बिचड़ा में पीलापन आ गई। तेज धूप होने के कारण बिचड़ा झुलस गई है। बिछड़ा बचाने के लिए राशि खर्च कर पानी के टैंकर व डीजल पंप से पटबन कर रहे हैं। लेकिन तेज धूप होने के कारण यह भी कारगर साबित नहीं हो रही है। जब तक अच्छी बारिश नहीं होती है धान की खेती संभव नहीं है। दो चार दिन अगर यही आलम रहा तो बिछड़ा बचाना भी मुश्किल हो जाएगा। किसानों ने बताया की माह जूलाई तक लगभग 75% खेतों की रोपनी हो जाती थी। किंतु इस बार बिचडा बचाने में ही पसीने छुट रहे हैं। दो चार दिन अगर यही आलम रहा तो बिचड़ा बचाना भी मुश्किल हो जाएगा। इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी विजय कुमार कहते की हैं कि किसानों के लिए डीजल अनुदान की राशि दी जा रही है। किसान सारी प्रक्रिया पूरी कर आनलाईन आवेदन करे तो एक हेक्टेयर के लिए 750/ रुपए की राशि उनके खाते में भेजी जाएगी।
बरहट से शशिलाल की रिपोर्ट