Jamui– पुलिस की वर्दी, टोपी तथा उसके कंधे पर लगे सितारे उसकी शान होती है। इसे पहनने वाले व्यक्ति को पद की गरिमा और पवित्रता का एहसास होता है। इसी के भरोसे आम लोग पुलिस को कानून का रखवाला कहते हैं। लेकिन अफसोस उस वर्दी और टोपी के आड़ में एक होमगार्ड के जवान ने अपराध की नई कहानी लिख डाली। जिसका खुलासा बुधवार को बरहट थाने में हुआ। भोलेभाले लोगों को अपनी जाल में फंसा कर लूटपाट करने वाले एक होम गार्ड जवान के साथ दूसरा रिटायर जवान की गिरफ्तारी होने के बाद पुलिस की वर्दी फिर एक बार सवाल के घेरे में आ गया।
दरअसल बुधवार को बरहट पुलिस के द्वारा लूटपाट के मामले में गिरफ्तार किए गए आठ अपराधियों में से दो लोग होमगार्ड के जवान निकले ,जो इस संगठित ग्रुप के सक्रिय सदस्य बताए गए थे। इन दोनों होम गार्ड के जवान द्वारा अपनी वर्दी को हथियार बनाकर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया करता था। हालांकि बरहट पुलिस की तत्परता से इस गैंग का भंडाफोड़ हो गया।
जानकारी के अनुसार इस संगठित गिरोह का मास्टरमाइंड लखीसराय जिले के कजरा निवासी नरेश कुमार साह है। जिसके प्रलोभन पर कोतवाली थाना क्षेत्र के दलहट्टा गांव निवासी होम गार्ड से रिटायर जवान नन्द कुमार पिता स्व ओमप्रकाश एवं थाना क्षेत्र के ही लालदरवाजा निवासी होम गार्ड में कार्यरत जवान उमेश कुमार पिता जोखो यादव इस ग्रुप शामिल पाया गया। इन दोनों जवानों को नरेश अपने लूटपाट की घटनाओं में इस्तेमाल किया करता था। लूटपाट के दौरान कहीं अगर मामला फंस जाता था, तो चकाचक स्कॉर्पियो के माध्यम से उक्त दोनों जवान को पुलिस की वर्दी में बुलाया जाता था और पुलिस रेड दिखाकर आसानी से नरेश अपने गिरोह के साथ निकल जाता था।
घटना का शिकार हुए बरहट थाना क्षेत्र बखारी निवासी सिकंदर यादव के साथ इसी तरह वाक्या घटित हुआ। पहले तो सिकंदर को इस ग्रुप के एक सदस्य के द्वारा उसके मोबाइल पर इस नंबर से +919570257935 फोन किया गया । उसके बाद टावर लगवाने की बात कहकर सिकंदर को अपने जाल में फंसा लिया था। पीड़ित का जमीन पर टावर लगवाने की ऐवज में 1 लाख रुपए की मांग की गई थी । पैसा जमा करने के लिए लखीसराय स्थित एक ऑफिस में बुलाया गया था। लेकिन पीड़ित लखीसराय जाने में असमर्थ जाहिर किय। जिसके बाद इस ग्रुप के दो सदस्य पहले ट्रेन के माध्यम से बीते दिन मंगलवार जमुई रेलवे स्टेशन आया और स्टेशन पर पीड़ित को बुलाया। लेकिन पीड़ित रेलवे स्टेशन नहीं गया। जिसके बाद वे दोनों पीड़ित को बाबा ढाबा के पास बुलाया। उक्त दोनों अपराधियों ने पीड़ित सिकंदर को अपनी बातों में आधा घंटे तक उलझा कर रखा, तभी कुछ देर बाद चमचमाती स्कॉर्पियो संख्या बीआर 11एच 9657 से पुलिस की वर्दी में होम गार्ड के जवान और रिटायर होम गार्ड जवान पुलिस की फुल ड्रेस में अन्य तीन लोग के साथ आ धमके और बिना समय गवाए पुलिस की रेड दिखा कर पीड़ित से ₹60000 नकद छीन कर फरार हो गया।
इसके बाद पीड़ित ने इसकी सूचना बरहट थानाध्यक्ष कुमार संजीव को दिया। सूचना पाकर थानाध्यक्ष भी अलर्ट में आ गए और उन्होने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को इस बात की सूचना दिया। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी डॉक्टर शौर्य सुमन के दिशा निर्देश पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के द्वारा एक छापेमारी दल का गठन किया गया और गठित टीम कार्रवाई त्वरित करते हुए इस ग्रुप के आठ सदस्य को लुटपाट के 1 लाख नकद सहित 9 मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।
इस गैंग द्वारा पैसे को डबल करने, नकली नोटों का कारोबार समेत टावर लगाने के नाम पर लोगों को झांसी में लेकर ठगी का शिकार बनाया जाता था।
बरहट से शशिलाल की रिपोर्ट