बरहट- प्रखंड अंतर्गत नुमर पंचायत वार्ड नं 6 जावातरी में प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास सहायक और अकाउंटेंट के मिलीभगत से बिना मकान बनाए ही फाइनल किस्त की राशि लाभुक के खाते में भुगतान कर दिया गया ।जिसको लेकर वार्ड सदस्य संतोष कुमार दास ने बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री , ग्रामीण विकास सचिव पटना, उप विकास आयुक्त जमुई एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी बरहट को आवेदन देकर न्याय उचित कार्रवाई की गुहार लगाया है। साथ ही जांच पड़ताल कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। दिए आवेदन में वार्ड सदस्य संतोष कुमार दास ने बताया कि वार्ड के निवासी लाभुक सरिता देवी पति शरीफ दास जिसका बीएच नंबर 5979366 है जो कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मिला था, किंतु अभी तक लाभुक के द्वारा सिर्फ कुर्सी तक आवास का निर्माण कार्य किया गया है। आवास सहायक संजीत कुमार नियम के विपरीत किसी दूसरे मकान के पास एक बच्ची को खड़ा कर जिओ टेक कर दिया । इसके बाद आवास सहायक संजीत कुमार और अकाउंटेंट अनुप कुमार दास के मेहरवानी से उक्त लाभुक के खाते में फाइनल क़िस्त की राशि भुगतान कर दिया गया है। अब सवाल यह है कि जब लाभुक कुर्सी से ज्यादा मकान ही नहीं बनाया तो किस आधार पर दूसरी और तीसरी किस्त भेजी गई।
ऐसे हुआ मामला उजागर
बताया जाता है की फाइनल क़िस्त की राशि भुगतान करने के लिए लाभुक से आवास सहायक और अकाउंटेंट के बीच मोटी रकम लेन देन की बात हुई थी। तीनों में आपसी सहमति होने पर लाभुक के खाते में अकाउंटेंट के द्वारा राशि भुगतान किया गया था। लेकिन लाभुक के खाते में राशि आने के बाद रकम देने से इनकार करने लगी। इसी बीच नाराज अकाउंटेंट ने उक्त लाभुक की खाते को होल्ड कर दिया। इसके बाद लाभुक ने इसकी सूचना वार्ड सदस्य को दिया वार्ड सदस्य सूचना मिलते ही मुखिया दामोदर पासवान को दिया। मुखिया दामोदर पासवान ने बताया कि जांचोपरांत लाभुक का मकान नहीं बना पाया है। वहीं मुखिया भी वार्ड सदस्य के लेटर पैड पर लिखे गए आवेदन पर हस्ताक्षर कर इसकी शिकायत पदाधिकारियों कर कार्रवाई की अपील की है।
पहले भी निलंबित हो चुके हैं अकाउंटेंट
नियम के विरुद्ध प्रधानमंत्री आवास योजना का राशि भुगतान करने का अकाउंटेंट का पुराना नाता है। इस तरह के मामले पहले भी आ चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि उसके कार्यशैली पर लगातार सवाल उठते रहते हैं। बीते साल 2018 में बरहट ब्लॉक में ही कार्यरत थे। उसके बाद उसका खैरा ब्लॉक में ट्रांसफर हो गया। इस दौरान वहां भी गलत तरीके से राशि भुगतान कर दिए जाने के आरोप में उसे निलंबित कर दिया गया था। इसके पश्चात पुनः उसकी पदस्थापन बरहट में की गई है।
इस संबंध में उप विकास आयुक्त शशिशेखर चौधरी से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा की मामले की जांच पड़ताल कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
बरहट से शशिलाल की रिपोर्ट