बरहट – देश आजादी के अमृत महोत्सव के जश्न मना रहे हैं। लेकिन आजादी के अमृत महोत्सव में भी सरकार के विकास की दावे खोखले नजर आते हैं। दरअसल प्रखंड अंतर्गत बरियारपुर पंचायत वार्ड नंबर 14 बनौली जोर के किनारे बसा भटवारी टोला के लोग आज भी मूलभूत सुधाओं से बंचित है। यहां 10 से 12 घरों में 70 से 80 लोग रहते हैं।बरसात के समय में यह पुरा गांव टापू बनकर रह जाता है।आलम यह की इस गांव के लोगों को पक्की सड़क ,शुद्ध पानी ,स्कूल अस्पताल नसीब नहीं हो पाई है।
यहां के लोगों को दैनिक उपयोगी चीजें लाने के लिए बड़े बड़े 2 जोर को पार कर जलजमाव के रास्ते पगडंडी के सहारे किसी तरह मलयपुर बाजार पहुँचते है। सबसे बड़ी समस्या उसे वक्त उत्पन्न हो जाती है ,जब गांव के लोग बीमार हो जाते हैं।बीमार को अस्पताल लाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।इसके बावजूद भी इस गांव वाले के पीड़ा पर किसी नेता- मंत्री या पदाधिकारी ध्यान नहीं दिया गया है।यहां के लोग आज भी किसी तारणहार की वाट जोह रहे हैं।
विमार व्यक्ति को चारपाई से मुख्य सड़क तक लाते हैं लोग
अमृत महोत्सव मना रहे इस गांव में सरकार की अभी तक पक्की सड़क नहीं पहुंच पाई है। जबकि सात निश्चय योजना के तहत हर एक गांव में पक्की सड़क निर्माण कराने की सरकार का लक्ष्य निर्धारित था।इसके बावजूद भी इस योजना की सुविधा घटवारी टोला तक नहीं पहुंच पाई है।आलम यह है कि यहां के लोग अगर कोई बीमार पड़ जाए तो उसे चारपाई पर सुता कर पगडंडी के सहारे में किसी तरह मलयपुर -जमुई से जोड़ने वाली सड़क तक लाते हैं। उसके बाद उसे इलाज के लिए किसी अस्पताल ले जाया जाता है।
बारिश ने छीन ली कई लोगों का आशियाना
पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश ने इस गांव के लोगों पर जमकर कहर बरपाई है। गोपाल सिंह,भोला सिंह, मुन्नी देवी के मकान मूसलाधार बारिश की चोट सहते -सहते जमींदोज हो गई थी।जिस कारण पीड़ित के घरों में दो दिनों तक चूल्हा नहीं जल पाई थी।दैनिक मजदूरी का अपने जीवन यापन करने वाले इस पीड़ित परिवार उतना सामर्थ नहीं की तुरंत फिर सिर्फ अपने नए मकान की नींव रख सके।मकान जमींदोज होने के बाद पीड़ित परिवार दर-दर अफसर सहित लोगों से मद्दत की गुहार लगाते फिर रहा है।
ग्रामीणों ने गांव में सड़क और अस्पताल निर्माण कराने की मांग
ग्रामीण गोपाल सिंह, राजु सिंह, बिष्णु सिंह,अनिल सिंह,मीणा देवी ने बताया की सरकार बड़े-बड़े विकास के दावे करते हैं । लेकिन आज तक हम लोग को प्रधानमंत्री आवास योजना,आयुष्मान भारत, जॉब कार्ड, वृद्धा पेंशन आदि सरकारी सुविधाओं की नसीब नहीं हो पाई है।गांव में स्कूल और अस्पताल नहीं रहने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। यहां के बच्चे 3 किलोमीटर दूर दूसरे गांव में जाकर पढ़ाई करते हैं ।बरसात के समय में रास्ते कीचड़ में तब्दील हो जाने के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं।ग्रामीणों ने से सरकार गांव में ही सड़क, स्कूल और अस्पताल निर्माण कराने की मांग की है।
कहते हैं पदाधिकारी
इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी एसके पांडे से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा की मामले की जानकारी मिली है ।जल्द ही गांव का निरीक्षण कर इसकी रिपोर्ट वरीय पदाधिकारी को भेजा जाएगा तथा निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बरहट से शशिलाल की रिपोर्ट