जमुई, पांच लोगों की हत्या आरोपित एक हार्डकोर नक्सली को बरहट पुलिस व सीआरपीएफ ने संयुक्त रूप से कार्यवाई कर गिरफ्तार किया है। जिसकी पहचान थाना क्षेत्र के कुमरतरी गांव निवासी विजय कोड़ा पिता नरेश कोड़ा के रूप में हुई है। सोमवार को बरहट थाना में प्रेस वार्ता आयोजित कर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश सुमन ने बताया की पुलिस अधीक्षक डॉ शौर्य सुमन को बीते दिन रविवार को गुप्त सूचना मिली की कुमरतरी गांव में एक हार्डकोर नक्सली आया हुआ है।
सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक ने अपर पुलिस अधीक्षक अभियान को कार्रवाई करने का निर्देश दिया । इसके पश्चात अपर पुलिस अधीक्षक अभियान के नेतृत्व में चोरमारा कैंप सीआरपीएफ 215 बटालियन व बरहट पुलिस के जवानों के द्वारा उक्त गांव को चारों और घेर कर सर्च आपरेशन चलाया गया। इस दौरान पुलिस जवान जैसे ही अंदर गांव में प्रवेश किया कि जवानों को देखकर एक युवक भागने लगा, तभी जवानों ने खदेड़ कर उसे पकड़ लिया और वहीं हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ किया। पूछताछ के दौरान युवक ने अपना नाम विजय कोड़ा पिता नरेश कोड़ा बताया। जिसकी पहचान फरार हार्डकोर नक्सली के रूप में होने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पांच लोगों की हत्या कर फ़रार था, विजय
एसडीपीओ ने आगे बताया की विजय कोड़ा पर वर्ष 2017 में कुमरतरी गांव निवासी ब्रह्मदेव कोड़ा की पत्नी मीना देवी एवं उनके दो बेटे बजरंगी एवं शिव कोड़ा की हत्या कर शव को कुकुरझप डैम पर फेंक दिया था। इस मामले को लेकर उसके विरुद्ध बरहट थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इतना ही नहीं वर्ष 2018 में पचेश्वरी स्कूल पर हमला कर दो भाई मदन कोडा एवं प्रमोद कोड़ा की हत्या के मामले भी शामिल था। दोनों घटना के बाद से वह फरार चल रहा था।
दुर्दत नक्सली बालेश्वर कोड़ा का सदस्य था, विजय
वहीं प्रेस वार्ता के दौरान अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया की गिरफ्तार नक्सली विजय कुख्यात नक्सली बालेश्वर कोड़ा ,अर्जुन कोड़ा के दस्ते का सदस्य था। इन सभी नक्सलियों के साथ मिलकर विजय कोड़ा ने हत्या, लूट ,डकैती ,आर्म्स एक्ट तथा कई अपराधिक घटनाओं की अंजाम दिया था। जिसके ऊपर 27 आर्म्स एक्ट एवं कई मामले स्थानीय थाना में दर्ज है। वहीं इस कार्रवाई में बरहट थानाध्यक्ष कुमार संजीव एवं सीआरपीएफ 215 बटालियन के इंस्पेक्टर अविनाश ने अहम भूमिका निभाई है।
दो दिनों के अंदर दो हार्डकोर को नक्सली चढ़ा पुलिस के हत्थे
लाल गलियारे के नाम से तालुक रखने वाला यह गांव दशकों तक नक्सलियों के चपेट में रही है। इस गांव में बिहार ,झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ के दुर्दत नक्सलियों के लिए सेफ जोन था। यहां से निकलकर नक्सली दूसरी जगह पर घटना को अंजाम दिया करता था। इसके साथ है बरगद पेड़ के नीचे जनता अदालत लगाकर अपना फरमान सुनाया करता था । किंतु समय ने करवट लिया और सीआरपीएफ 215 बटालियन का कैंप स्थापित होने के बाद कुछ महीने पूर्व चोरमारा गांव के हार्डकोर नक्सली अर्जुन कोड़ा ,बालेश्वर कोड़ा एवं नागेश्वर कोड़ा ने आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद गांव में अभी शांति कायम है। हालांकि पिछले दो दिनों में स्थानीय पुलिस व सीआरपीएफ को बड़ी कामयाबी हाथ लग रही है। शनिवार को गुरमाहा निवासी पंपल राय को गिरफ्तार करने के बाद रविवार को विजय कोड़ा को गिरफ्तारी की गई। वहीं इन दोनों नक्सलियों के गिरफ्तारी से लाल गलियारे फिर से गुलजार होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया की नक्सलियों के विरुद्ध सशस्त्र बलों के द्वारा लगातार अभियान जारी है। ऐसे में जल्द ही शेष बचे नक्सली पुलिस के समक्ष हथियार डाल दें अन्यथा पुलिस के द्वारा सख्त कार्रवाई कर नक्सल मुक्त जमुई बनाई जाएगी।
बरहट से शशिलाल की रिपोर्ट