बरहट:-सरकारी अस्पताल में मरीजों को बेहतर सुबिधा उपलब्ध कराने का सरकार की दावे घुठने बल रेंग रही है। प्रखंड अंतर्गत के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरहट सालों से महिला चिकित्सक का दंश झेल रही है।प्रखंड में लगभग 40 से 45 हजार महिलाओं की आवादी है ।इसके बावजूद भी आज तक जहां एक महिला चिकित्सा का पदस्थापन नहीं हुई है।जिस कारण प्रखंड की महिलाएं इलाज करने में काफी असहजता महसुस कर रहे हैं।आलम यह की यहाँ महिला चिकित्सक नही रहने से अस्पताल एनएम के द्वारा डिलीवरी कराया जाता है। ऐसे में प्रत्येक महीना 50 से 60 गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराया जाता है। नॉर्मल डिलीवरी वाले महिला मरीज का डिलीवरी एनएम के द्वारा करा दी जाती है तथा सिजेरियन वाले को जमुई रेफर कर दिया जाता है।
महिला चिकित्सक व आधुनिक सुविधा नहीं रहने से कई बार बच्चे की मृत्यु भी हो जाती है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को कई परेशानी झेलनी पड़ती है। जिस बजह से अधिकांश गर्भवती महिलाएं सदर अस्पताल या निजी क्लीनिक का रुख करते हैं। वहीं अस्पताल में मिलने वाले बुनियादी सुविधाओं का भी टोटा है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मिलने वाले खून जांच ,पेशाब जांच,एक्सरे, शुद्ध पेयजल ,शौचलय का भी अभाव है। यहां बर्तमान में एक प्रभारी डॉक्टर नियुक्त है। बाकी फार्मासिस्ट के सहारे ओपीडी संचालन की जा रही है।
इस संबंध में जिला चिकित्सा पदाधिकारी कुमार महेंद्र प्रताप से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि बरहट में महिला चिकित्सकों की कमी है ।जल्द ही बरहट में डॉक्टर नियुक्त किया जाएगा।
बरहट से शशिलाल की रिपोर्ट