जमुई रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा और सहायता के लिए जीआरपी द्वारा ओडी रूम के पास एक मदद काउंटर स्थापित किया गया है। इस काउंटर पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा गया है, “MAY I HELP YOU” ताकि यात्री अपनी समस्याओं के समाधान के लिए यहां आ सकें। लेकिन विडंबना यह है कि यह काउंटर खुद ही मदद का मोहताज है।दरअसल,बुधवार रात करीब 2:35 बजे पटना निवासी रेल यात्री पारस मिश्रा इस हेल्प काउंटर पर सहायता के लिए पहुंचे। उन्हें दुर्ग एक्सप्रेस ट्रेन से यात्रा करना था। जब वे जानकारी लेने के लिए ओडी टेबल के पास पहुंचे, तो वहां कोई जीआरपी पदाधिकारी मौजूद नहीं था। सभी पुलिसकर्मी ओडी रूम के अंदर थे, और दरवाजे पर पर्दा गिरा हुआ था।
बात दे कि इन दिनों महाकुंभ को लेकर रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। हर दिन हजारों श्रद्धालु अलग-अलग स्थानों से कुंभ स्नान के लिए सफर कर रहे हैं।इस क्रम की कई यात्रियों को पुलिस सहायता की जरूरत होती है। लेकिन जीआरपी पुलिस की कार्यशैली से साफ है कि वे यात्रियों की मदद के लिए तत्पर नहीं हैं। अगर किसी यात्री को आपातकालीन स्थिति में सहायता की जरूरत हो, तो उसे भटकना पड़ता है।
बताते चलें की जीआरपी की लापरवाही का यह कोई नई बात नहीं है। कुछ दिनों पहले ही एक युवक की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। लेकिन जीआरपी पुलिस को मौके पर पहुंचने में 20 घंटे लग गए थे। वहीं बीते 20 तारीख को भी डियूटी पर तैनात एक पुलिस कर्मी सोते पाए गए थे। अब ऐसे में रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा और सहायता के दावों की पोल खुल जाती है।
इस संबंध में कियुल रेल डीएसपी मो. ऐजाज मनी ने बताया की ऑन ड्यूटी में ऑफिसर की उपस्थिति हेल्प डेस्क पर अनिवार्य है। ड्यूटी से गायब रहने वाले पुलिसकर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
बरहट से शशिलाल की रिपोर्ट
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